Sardar Patel Birth Anniversary: केवड़िया में हुआ विशेष आयोजन, पीएम मोदी बोले- ‘भारत उपलब्धियों के शिखर पर’"/>

Sardar Patel Birth Anniversary: केवड़िया में हुआ विशेष आयोजन, पीएम मोदी बोले- ‘भारत उपलब्धियों के शिखर पर’

एजेंसी, केवड़िया (गुजरात)। सरदार पटेल की जन्म जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में आयोजित विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने यहां सरदार पटेल को श्रद्धांजलि की और संबोधित किया। पढ़िए कार्यक्रम से जुड़ी बड़ी बातें और देखिए फोटो-वीडियो

 

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर जलाभिषेक किया और पुष्पांजलि अर्पित की। बाद में प्रधानमंत्री ने एकता नगर में जनता को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई।

पीएम मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए कहा कि उनकी अदम्य भावना और दूरदर्शी राजनेता ने देश की नियति को आकार देने में मदद की।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

मन के अनेक है, लेकिन माला एक है तन अनेक है, लेकिन मन एक है।

जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।

15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले पर होने वाला आयोजन, 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड और 31 अक्टूबर को Statue Of Unity के सानिध्य में मां नर्मदा के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का ये मुख्य कार्यक्रम, राष्ट्र उत्थान की त्रिशक्ति बन गए हैं।

एकता नगर में आने वालों को सिर्फ इस भव्य प्रतिमा के ही दर्शन नहीं होते बल्कि उसे सरदार साहब के जीवन, त्याग और एक भारत के निर्माण में उनके योगदान की झलक भी मिलती है। इस प्रतिमा की निर्माण गाथा में ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतिबिंब है।

भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है। इंडिया गेट पर जहां कभी विदेशी सत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा थी, वहां अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है।

अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं।

आज ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो भारत पा न सके। ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो हम भारतवासी सिद्ध न कर सकें। बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button