खुशी से पहले AAP को मिला ‘गम’, अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें नहीं हो रहीं कम

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एमसीडी की सत्ता का रास्ता साफ होने और मेयर चुनाव में संभावित जीत की खुशी से पहले पार्टी को नया ‘गम’ मिल गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और केजरीवाल के दाएं हाथ कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया के खिलाफ जासूसी केस में सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी है। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में सीबीआई जांच और गिरफ्तारी की आशंका के बीच नए केस से ना सिर्फ सिसोदिया की बल्कि पार्टी और सरकार की भी मुश्किलें बढ़नी तय है।

केजरीवाल की क्यों बढ़ेगी चिंता?
मनीष सिसोदिया पर कानूनी शिकंजा कसने से सबसे अधिक चिंता दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बढ़ सकती हैं। राजनीति में आने से पहले से सिसोदिया केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति हैं। सरकार और पार्टी दोनों के कामकाज में सिसोदिया की भूमिका बेहद अहम है। ऐसे में यदि सिसोदिया कानूनी पचड़े में फंसते हैं तो दोनों ही मोर्चे पर केजरीवाल के लिए चुनौती बढ़ जाएगी। सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त समेत अधिकतर महत्वपूर्ण विभाग हैं। एक अन्य मंत्री सत्येंद्र जैन के पिछले साल मई में जेल जाने के बाद से वह स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभाल रहे हैं। सिसोदिया को 26 फरवरी को शराब घोटाले केस में सीबीआई के सामने पेश होना है। सिसोदिया पहले ही अपनी गिरफ्तारी की आशंका जता चुके हैं।

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