राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस ने आज विपक्षी नेताओं की बैठक

नई दिल्‍ली: राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस ने आज विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है. यह बैठक सुबह 10 बजे शुरू होने की उम्मीद है. राहुल गांधी को 2019 के मामले में मानहानि का दोषी पाया गया था, जिसमें उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सरनेम’ पर विवादित टिप्‍पणी की थी. हालांकि, राहुल गांधी को कोर्ट से सजा मिलने के बाद तुरंत जमानत दे दी गई थी और उन्हें निर्णय के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिनों तक उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया था. इस बीच ये भी आशंका जताई जा रही है कि कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्‍यता जा सकती है. 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद कहा, “यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है, यह एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है, जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा है. यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने-धमकाने की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है.” जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर बैठक करीब दो घंटे तक चली और यह फैसला किया गया कि पार्टी प्रमुख शाम को सभी प्रदेश कांग्रेस प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे और देशभर  में आंदोलन की योजना बनाएंगे.

गुरुवार को कांग्रेस ने कहा था कि शुक्रवार को लगभग 11:30 बजे या दोपहर में सभी विपक्षी दल संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे. पार्टी ने कहा कि उसने अपना पक्ष रखने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से समय मांगा है. सोमवार से प्रमुख विपक्षी दल इस मामले को लेकर दिल्ली और अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.

जानकारों के मुताबिक, सूरत कोर्ट के आदेश के आधार पर लोकसभा सेक्रेटेरियट राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा सकता है और उनकी वायनाड सीट को खाली घोषित कर सकता है. इसके बाद चुनाव आयोग सीट के लिए विशेष चुनाव की घोषणा करेगा. हालांकि, यह परिदृश्य तब देखने को मिलेगा, जब उच्च न्यायालय द्वारा सजा को रोक नहीं दिया जाता. यदि किसी उच्च न्यायालय द्वारा फैसला रद्द नहीं किया जाता है, तो राहुल गांधी को भी अगले आठ वर्षों तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. राहुल गांधी की टीम के अनुसार, कांग्रेस नेता इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं. अगर सजा के निलंबन और आदेश पर रोक की अपील वहां स्वीकार नहीं की जाती है, तो वे सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे. 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button