राहुल गांधी अयोग्यता मामला: देश भर में कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’, राजघाट के आसपास धारा 144 लागू
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आज महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के सामने एकदिवसीय सत्याग्रह कर रहे हैं. पार्टी के अनुसार, राहुल गांधी के प्रति एकजुटता दिखाते हुए यह ‘संकल्प सत्याग्रह’ सभी राज्यों और जिलों में महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के सामने हो रहा है. यह सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा.
- दिल्ली पुलिस ने राजघाट और उसके आसपास धारा 144 लगा दी है और कानून व्यवस्था और यातायात कारणों से कांग्रेस को वहां सत्याग्रह करने की अनुमति नहीं दी है.
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के कई अन्य नेता भी इस ‘संकल्प सत्याग्रह’ में शामिल हुए हैं.
#WATCH राहुल गांधी ने जब इस मुद्दे को उठाया तो उन्हें दबाने के लिए ये मानहानि के केस का तमाशा कर रहे हैं।…ये एक साजिश है जिसके खिलाफ राहुल गांधी लड़ रहे हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे,
सूरत की एक अदालत ने राहुल को सुनाई है सजा
केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था. लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से ही प्रभावी होगा.
दिल्ली: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर राजघाट पर पार्टी के संकल्प सत्याग्रह में शामिल हुए।
संसद सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में कांग्रेस पार्टी राजघाट पर एक दिवसीय संकल्प सत्याग्रह कर रही है।
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने यह फैसला ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर दिया था.
पीएम मोदी मेरे भाषण से डरे: राहुल
राहुल गांधी ने दावा किया है कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य इसलिए ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात से डरे हुए थे कि संसद में उनका भाषण होने वाला है.
पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश इकाइयों को भेजे पत्र में कहा, “न्याय की इस लड़ाई में राहुल गांधी अकेले नहीं हैं, लाखों कांग्रेसी और करोड़ों लोग उनके साथ खड़े हैं. हम अपने नेता और उनकी निडर लड़ाई के समर्थन में सत्याग्रह करेंगे.”
वहीं इससे पहले संसद सदस्यता रद्द होने के बाद शनिवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि मुझे डरा कर, जेल में डालकर, मार-पीटकर और डिसक्वालिफाई करके चुप करा लेंगे तो वो गलतफहमी में हैं. प्रधानमंत्री पैनिक हो गए हैं. उन्होंने विपक्ष को सबसे बड़ा हथियार दे दिया है. मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता. वहीं भाजपा की माफी की मांग पर राहुल गांधी ने कहा, “मेरा नाम सावरकर नहीं है. मैं गांधी हूं, गांधी कभी माफ़ी नहीं मांगते”
अब यह लीगल मैटर…
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने आपसे कई बार बोला है कि लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. मेरी स्पीच संसद से हटा दी गई. मैंने नियम बताए और स्पीकर को डीटेल में चिठ्ठी भी लिखी, पर मुझे बोलने नहीं दिया गया. भाजपा वालों ने मुझे भारत विरोधी बताया. मेरा सदस्य के तौर पर सफ़ाई देने का अधिकार है, मगर स्पीकर ने मुझे बोलने नहीं दिया. सभी विपक्षी दलों का धन्यवाद है कि उन्होंने मेरा साथ दिया. आगे साथ मिलकर काम करेंगे. हालांकि, एक संवाददाता के यह पूछने पर कि क्या आपको अपने बयान पर अफसोस है? राहुल गांधी ने कहा कि अब यह लीगल मैटर है. इस पर बोलना ठीक नहीं है. मैं हिंदुस्तान के लिए लड़ूंगा. मैं लोकतंत्र के लिए लड़ूंगा.
सवाल पूछता रहूंगा…
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने देश के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला. भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए, मैंने हमेशा कहा है कि सब समाज एक है. नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए. भाजपा ध्यान को भटकाने का काम करती है, कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी. इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता. अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मेरा मुंह बंद करा सकते हैं तो यह नहीं होने वाला. मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं. मैंने संसद में सबूत दिए. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं. मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसे करके दिखाऊंगा. मेरे खून में सच्चाई है. आप कुछ भी कर लें सवाल पूछता रहूंगा. चाहे आप आजीवन जेल भेज दें या आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दें.