चीन में तबाही मचाने वाला क्या है कोरोना का नया वेरिएंट BF.7? जानें लक्षण और बचाव के उपाय

चीन में एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 ने तबाही मचा रखी है। ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट BF.7 दुनियाभर में काफी तेजी से फैल रहा है। चिंता की बात यह है कि भारत में भी यह वेरिएंट दस्तक दे चुका है। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों को कोविड की रोकथाम के लिए जरूरी सभी कदम जैसे मास्क का इस्तेमाल और भीड़ में जमा न होने की अपील की है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मंगलवार दोपहर तक भारत में कोरोना के 3421 एक्टिव मामले सामने आ चुके हैं।

ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है और आरटीपीसीआर टेस्ट में भी इस वायरस को पकड़ पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। बीएफ.7 ओमीक्रोन का एक सबवेरिएंट है। इस सबवेरिएंट को लेकर चिंता की बात यह है कि इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। यह एक साथ कम से कम 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। ओमिक्रॉन के इस नए वेरिएंट के लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में दर्द और खराश भी शामिल है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो यह नया वेरिएंट उन लोगों पर असर डाल रहा है जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है या जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर है।माना जा रहा है कि जिन लोगों को दोनों वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी है वो अगर इस वायरस से संक्रमित हो भी जाते हैं तो उनमें काफी हल्के लक्षण ही नजर आएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं उन सवालों के जवाब जो कोविड-19 के नए वेरिएंट BF.7 को लेकर किए जा रहे हैं।   

क्या है बीएफ़.7-
कोरोना की शुरुआत से इसके कई वेरिएंट जैसे डेल्टा, अल्फा, बीटा और ओमीक्रोन आदि आ चुके हैं। बीएफ.7 ओमीक्रोन का एक सबवेरिएंट है। ओमीक्रोन तीसरी लहर की वजह बना था। इस सबवेरिएंट को लेकर चिंता की बात यह है कि इसमें तेजी से फैलने की क्षमता है। यह एक साथ कम से कम 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जिस वेरिएंट को लेकर हो हंगामा मचा हुआ है वो भारत में पहले से ही मौजूद रहा है। जानी-मानी माइक्रोबायोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग का कहना है कि चीन में जो वेरिएंट फैल रहा है वो पूरी दुनिया में कई महीने से मौजूद था। भारत में भी XBB और बीएफ़.7 मौजूद था।

बीएफ़.7 के लक्षण-
ओमिक्रॉन के इस नए वेरिएंट के लक्षण भी करोना के बाकी सभी वेरिएंट्स की लक्षणों की तरह ही हैं जिसमें सर्दी, बुखार, खांसी, गले में दर्द-खराश, कमजोरी, थकान और डायरिया शामिल हैं। यह ऊपरी श्वसन पथ में आने वाले अंगों जैसे नाक, साइनस, ग्रसनी (गला), कंठ (वॉइस बॉक्स), श्वास नली और ब्रांकाई को प्रभावित करता है। इन अंगों के प्रभावित होने पर आपको सामान्य सर्दी, टॉन्सिलिटिस, साइनस, गले में खराश, नाक बहना, छींकना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि जैसे हल्के लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि इस वायरस का वायरल लोड अधिक है इसलिए यह कभी भी निचला श्वसन तंत्र के संक्रमण में बदल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह व्यक्ति के फेफड़े संक्रमित हो सकते हैं जिससे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, ब्रोंकियोलाइटिस, टीबी और कभी-कभी फ्लू हो सकता है। 

बीएफ़.7 से बचाव के उपाय-
-इस संक्रमण से बचे रहने के लिए प्रधानमंत्री पहले ही लोगों को मास्क लगाने की सलाह दे चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सबसे पहले लोगों को यही सलाह देते हैं।
-ऊपरी श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए पानी, जूस, सूप, गर्म नींबू पानी जैसे तरल पदार्थों का खूब सेवन करें।
-कैफीन और अल्कोहल से बचें, जो आपको डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
-अगर आपको बुखार या खांसी है, तो आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए। आराम करने से आपको जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है। 
-गर्म पानी के एक गिलास में एक-चौथाई से आधा चम्मच नमक घोलें। यह अस्थायी रूप से गले की खराश या खरोंच से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button