हाई बीपी के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है अश्वगंधा, जानें क्या है आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की सलाह

यह एक आम गलत धारणा है कि अश्वगंधा का सेवन रक्तचाप बढ़ाता है। अश्वगंधा एक जादुई बूटी की तरह है, जिसका बीपी समेत संपूर्ण शरीर पर अच्छा असर पड़ता है। कई अध्ययन यह साबित करते हैं कि अश्वगंधा का सेवन तनाव और चिंता को कम करता है, जो उच्च हृदय गति और रक्तचाप बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। हालिया अध्ययनों की माने तो अश्वगंधा का सेवन बढ़े हुए बीपी को कम कर सकता है। हालांकि कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

शोध के अनुसार, अश्वगंधा टोटल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मददगार हो सकती है। यह एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी है, जो बीपी के साथ सूजन और तनाव भी कम कर सकती है। दोपहर या रात के भोजन के बाद अश्वगंधा की चाय भी पी सकते हैं।

अश्वगंधा या विथानिया सोम्निफेरा को कई आयुर्वेदिक दवाओं में मिलाया जाता रहा है। हाल के कुछ वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर उच्च रक्तचाप की स्थिति में भी इसका अच्छा असर देखने को मिल रहा है। हालांकि, किसी भी तरह का पुख्ता दावा आगे होने वाले गहन अध्ययन के बाद ही किया जा सकता है।

मानक के अनुसार रस-
ऐसा अश्वगंधा-रस तलाश करें, जिसमें विथानोलाइड्स जैसे सक्रिय तत्व की सही जानकारी दी हो। इसी से खुराक तय होती है।

मात्रा व अवधि-
शोध में अश्वगंधा-रस की 250-500 मिग्रा. मात्रा को दिन में एक या दो बार प्रयोग किया गया था। पर, व्यक्ति की जरूरत के आधार पर इसकी मात्रा और अवधि अलग-अलग हो सकती है।

सलाह-

हाइपरटेंशन रोगियों को इसका सेवन आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए। मरीज की स्थिति, लक्षण, पहले चल रहा उपचार आदि के आधार पर ही यह तय किया जाता है कि व्यक्ति के लिए इसका सेवन कितना उचित रहेगा। इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, इसलिए पूरी जानकारी जरूरी है। अश्वगंधा, पाउडर, कैप्सूल या हर्बल फॉर्मुलेशंस रूप में बाजार में आसानी से उपलब्ध है।

 

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