मुश्किल सीटों पर कैसे मजबूत होती है भाजपा?

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी गुजरात में लगातार 7वीं जीत की कोशिशों में जुटी हुई है, लेकिन पश्चिमी राज्य में ऐसी कई सीटें हैं जो दल के लिए मुश्किल साबित होती रही हैं। अब सवाल है कि इस तरह की चुनौतियों के बाद भी भाजपा की कोशिशें जारी हैं और सफलता की तैयारी किस तरह कर रही है? खबरें हैं कि भाजपा की रणनीति के पीछ एक समूह काम कर रहा है, जो भाजपा की संभावनाओं को बढ़ा रहा है।

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सवालों में टीम मोदी सपोर्ट संघ (TMSS) का नाम है। कहा जा रहा है कि यह संगठन साल 2015 में उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ था, जिसका मकसद अपनी मौजूदगी के जरिए भाजपा को चुनाव जिताना है। 

गुजरात की मुश्किल सीटों में से एक है खेड़बृह्मा। इस सीट पर साल 1995 से ही भाजपा के लिए वोट नहीं डाले गए, लेकिन पार्टी ने भी अपनी कोशिशें नहीं छोड़ीं। रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के महासचिव अतुल मकाड़िया कहते हैं, ‘खेड़बृह्मा कांग्रेस का गढ़ रहा है। तो हमने क्या किया कि आदिवासी को अध्यक्ष बनाया और आदिवासियों के बीच काम करना शुरू किया। इतने सालों में हमारे साथ 100 आदिवासी लड़के रहे हैं, जो पार्टी के लिए काम करते हैं।’

कैसे करते हैं काम?
कुछ सीटें हैं, जहां मतदाता उम्मीवार से खुश नहीं हैं, क्योंकि पार्टी ने स्थानीय लोगों से पहले बाहरी को तवज्जो दी। टीम मोदी का कहना है कि जब पार्टी कैडर या मतदाता भाजपा से नाराज होते हैं, तो संगठन काम करता है। TMSS के गुजरात अध्यक्ष प्रवीणभाई नाखुम ने कहा, ‘हम पार्टी स्थानीय लोगों को टिकट नहीं देती और उन जगहों पर जहां स्थानीय लोग प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं, तो हम जाते हैं और उन्हें समझाते हैं कि उम्मीदवार नहीं पार्टी की और उसकी विचारधारा को देखिए। हम उन्हें शांत करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं।’

कितना ताकतवर है TMSS?
संगठन का काम उन मतदाताओं पर प्रभाव डालना है, जो भाजपा से दूर हैं और अन्य लोगों को वोट देते हैं। संगठन के उपाध्यक्ष हिरेन मेहता कहते हैं, ‘हमारे साथ करीब 40 हजार सदस्य हैं और हर तालुका, जिला और विधानसभा क्षेत्र में अध्यक्ष हैं। हमने भाजपा के ढांचे को ही उतारा है। हमारे साथ भाजपा की तरह मोर्चा और विभाग हैं। हम 78 विधानसभा सीटों पर सक्रिय हैं और हर सीट पर 5 हजार से 10 हजार वोट प्रभावित कर सकते हैं।’

यह टीम उन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों के लिए काम कर रही है, जहां पार्टी को खास सपोर्ट नहीं मिला है। गुजरात में पहले चरण का मतदान हो चुका है। दूसरे दौर की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। 8 दिसंबर को नतीजों का ऐलान होगा।

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