अब कोई भी मेडिकल कंपनी डॉक्टर्स नहीं ले पाएंगे कोरोना टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहे नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल को पैनल की कमान सौंपी गई

समीक्षा के साथ-साथ यह पैनल यह भी देखेगा कि क्या इन मेडिकल प्रैक्टिस के नियंत्रण के लिए किसी कानूनी ढांचे की जरूरत है।
इस पैनल को तीन महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपनी होगी।

कोरोना टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहे नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल को इस पैनल की कमान सौंपी गई है।
उनके अलावा फार्मास्यूटिकल विभाग की सचिव एस अपर्णा, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख नितिन गुप्ता और फार्मा विभाग के एक संयुक्त सचिव को इस पैनल में शामिल किया गया है।
12 सितंबर को इसके लिए मेमोरेंडम जारी किया जा चुका है।

किन चीजों की समीक्षा करेगा पैनल?
यह पैनल मौजूदा कोड ऑफ कंडक्ट और 2015 में लाए गए यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेस (UCPMP) की समीक्षा करेगा।
मेमोरेंडम में लिखा गया है कि मौजूदा नियमों के तहत शिकायत और जांच का प्रावधान है, लेकिन ये सरकार के किसी भी नियमों के तहत नहीं आते। मार्केटिंग प्रैक्टिसेस को नियंत्रित करने के एक कानूनी ढांचे की जरूरत के मुद्दे पर सभी हितधारकों के विचार लेने और उनकी समीक्षा के लिए यह पैनल बनाया गया है।

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