गरासिया जनजाति की परंपरा में दिखती है मॉडर्न जमाने की झलक, शादी से पहले लिव-इन में रहती हैं महिलाएं
राजस्थान और गुजरात की गरासिया जनजाति (Garasia Tribe) में लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationships) एक सदियों पुरानी परंपरा है। इस समुदाय में महिलाओं को शादी से पहले मां बनने और खुद अपने पार्टनर को चुनने की आजादी मिली हुई है। जी हां यह सच है! सदियों से चली आ रही इस अनूठी परंपरा ने दुनियाभर के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
- राजस्थान और गुजरात की गरासिया जनजाति कई मायनों में खास है।
- यहां महिलाएं शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकती हैं।
- इस जनजाति में लिव-इन में रहते हुए बच्चा होना भी आम बात है।
गरासिया जनजाति की अनोखी परंपरा
राजस्थान और गुजरात की गरासिया जनजाति की परंपराएं आधुनिक युग के लिव-इन रिलेशनशिप से काफी मिलती-जुलती हैं। इस समुदाय में महिलाएं शादी से पहले ही मां बन जाती हैं और पुरुष और महिला बिना विवाह बंधन में बंधे साथ रहते हैं। महिलाओं को यहां अपने जीवनसाथी चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है, जो उन्हें समाज के अन्य हिस्सों की तुलना में काफी प्रगतिशील बनाता है। गरासिया जनजाति का यह अनूठा रिवाज हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर क्यों कुछ परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं और आज भी प्रासंगिक क्यों बनी हुई हैं।
मेले में चुन लेते हैं पार्टनर
महिलाओं को मिलती है असीम आजादी
गरासिया समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का दर्जा प्राप्त है। वे अपने जीवनसाथी का चुनाव स्वयं करती हैं और उन्हें शादी के बाद भी अपनी पसंद का जीवन जीने की पूरी आजादी होती है। यहां तक कि अगर वे चाहें तो पहले साथी के होने के बावजूद दूसरे साथी का चुनाव कर सकती हैं। यह आजादी शायद ही किसी शहरी महिला को भी आसानी से मिलती हो।