लाडो अभियान: बाल विवाह रोकने के लिए कसी कमर, देव उठनी ग्यारस पर जांच दल करेगा निगरानी
इस साल देव उठनी ग्यारस 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से विवाह कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। इंदौर में इस मौके पर कई जगहों पर सामूहिक विवाह के कार्यक्रम होते हैं। इस दौरान बाल विवाह भी होते हैं। हालांकि, इस मामलों पर नकेल कसने के लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है।
HIGHLIGHTS
- देवउठनी ग्यारस पर होंगे कई जगह सामूहिक विवाह।
- बाल विवाह को रोकने के लिए टीम करेगी निरीक्षण।
- पिछले 15 वर्षों में 159 बाल विवाह रोके, 7 केस दर्ज।
इंदौर। देवउठनी एकादशी पर हर वर्ष कई जगह सामूहिक विवाह कार्यक्रमों और निजी विवाह आयोजनों में चोरी-छुपे बाल विवाह कर दिया जाता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से सख्ती और जागरूकता के चलते बाल विवाह के मामलों में कमी आई है।
मगर, फिर भी यह पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। इस वर्ष अब तक छह बाल विवाह रोके गए हैं। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में एक भी सामूहिक विवाह आयोजन में बाल विवाह का प्रकरण नहीं बना है।
देवउठनी ग्यारस यानी 12 नवंबर से विवाह कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। इस दिन भी कई जगह बाल विवाह हो जाते हैं। इन्हें रोकने के लिए जांच दल बनाए जा रहे हैं।
इस सभी को माना जाएगा दोषी
जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि बाल विवाह अधिनियम में बाल विवाह होने पर विवाह में शामिल होने वाले सभी रिश्तेदारों के अतिरिक्त सेवा प्रदाता प्रिंटिंग प्रेस, मैरिज गार्डन संचालक, घोड़ी वाला, बैंड वाला, रसोई वाला, टेंट वाला, समाज के अध्यक्ष, समिति आयोजन होटल के अतिरिक्त विवाह करने वाले पंडित, मौलवी और धर्म गुरुओं को भी दोषी माना जाता है।
महिला व बाल विकास विभाग के लाडो अभियान के तहत पिछले 15 वर्षों में 159 बाल विवाह रोके गए हैं। वहीं सात प्रकरण दर्ज हुए हैं। वहीं सामूहिक विवाह समारोह में भी 65 बाल विवाह में रोके गए।
यह है नियम
- बाल विवाह प्रतिषेध नियम छह के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है।
- बाल विवाह होने पर अधिनियम की धारा नौ के तहत नाबालिग किशोरी से विवाह करने वाले युवक को दोषी माना जाता है।
- धारा 10 में विवाह संपन्न कराने वाले आयोजक, माता-पिता और पंडित, मौलवी दोषी होते हैं।
- धारा 11 में विवाह में शामिल घराती-बराती, सेवा प्रदाता दोषी माने जाते हैं।
- अधिकतम दो वर्ष की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
- बाल विवाह की जानकारी मिलने पर सबसे पहले चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर काल करें।
तीन वर्ष से सामूहिक विवाह समारोह में एक भी केस नहीं बना
वर्ष | बाल विवाह रोके गए | आपराधिक प्रकरण | सामूहिक समारोह में रोके गए बाल विवाह |
2010-11 | 08 | 02 | 05 |
2011-12 | 13 | 00 | 07 |
2012-13 | 06 | 00 | 01 |
2013-14 | 13 | 01 | 08 |
2014-15 | 12 | 00 | 11 |
2015-16 | 11 | 00 | 09 |
2016-17 | 15 | 00 | 08 |
2017-18 | 12 | 00 | 05 |
2018-19 | 09 | 00 | 03 |
2019-20 | 10 | 00 | 03 |
2020-21 | 07 | 00 | 01 |
2021-22 | 14 | 00 | 04 |
2022-23 | 14 | 00 | 00 |
2023-24 | 09 | 02 | 00 |
2024-25 (अब तक) | 06 | 02 | 00 |