भारत में सबसे ज्यादा कहर बरपाते हैं ये 5 तरह के कैंसर, डॉक्टर के बताए तरीकों से करें अपना बचाव

देशभर में आज का दिन National Cancer Awareness Day के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन कैंसर के प्रति जागरूकत फैलाने के मकसद से मनाया जाता है। दुनियाभर में पिछले कुछ समय से कैंसर चिंता का विषय बना हुआ है। खासकर भारत में इसके मामले तेजी बढ़ रहे हैं। जानते हैं भारत में सबसे आम कैंसर के 5 प्रकार (Common Cancer Types In India) कौन से हैं।

HIGHLIGHTS
  1. हर साल 7 नवंबर को National Cancer Awareness Day मनाया जाता है।
  2. इस दिन का मकसद लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना है।
  3. भारत में आमतौर पर 5 तरह के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा पाए जाते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर दुनियाभर में एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। इसकी वजह से कई लोग दुनियाभर में अपना जान गंवा देते हैं। बीते कुछ समय से भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। हालांकि, आज भी कई लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है। ऐसे में लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल 7 नवंबर को National Cancer Awareness Day मनाया जाता है। 

कैंसर के कई प्रकार होते हैं और शरीर के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करता है और कैंसर के उस प्रकार को उसी हिस्से के नाम से जाना जाता है। यूं तो किसी को भी कोई भी कैंसर अपना शिकार बना सकता है, लेकिन इसके कुछ ऐसे प्रकार भी हैं, तो आमतौर पर लोगों को अपनी चपेट में लेते हैं। आइए फोर्टिस नोएडा में सीनियर कंसल्टेंट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.अनीता मलिक से जानते हैं भारत में आमतौर पर पाए जाने वाले सबसे आम कैंसर (Common Cancers In India) और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में-

ब्रेस्ट कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर भारत में लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला कैंसर है। यह आमतौर पर महिलाओं को अपना शिकार बनाता है, लेकिन कुछ मामलों में पुरुष भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

बचाव के तरीके

  • मैमोग्राम के जरिए इसका जल्द पता लगाने से इसके इलाज के नतीजों में काफी सुधार हो सकता है।
  • इसका खतरा कम करने के लिए जरूरी है कि स्वस्थ वजन बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें। फिजिकल एक्टिविटी एस्ट्रोजन के स्तर को नियंत्रित करके स्तन कैंसर के खतरे को कम करती है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि कम से कम छह महीने तक स्तनपान कराने से इसका जोखिम कम हो सकता है।
  • जिन लोगों के परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, उनके लिए जेनेटिक टेस्टिंग और काउंसलिंग कराते रहना चाहिए।

लंग कैंसर

लंग कैंसर भारत का दूसरा कैंसर है, जिसकी वजह से कई लोगों की जान तक चली जाती है। धूम्रपान और लगातार बढ़ता वायु प्रदूषण इसके खतरे को बढ़ाता है। साथ ही इन दिनों पेसिव या सेकंड हैंड स्मोकिंग भी इसका एक बड़ा रिस्क फैक्टर बना हुआ है। 

बचाव के तरीके

  • तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। इसलिए इसके जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना या सेकंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने से बचना बेहद जरूरी है।
  • लंग कैंसर के खतरे को कम करने के लिए रेडॉन और एस्बेस्टस जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आना कम करें, जो फेफड़ों के कैंसर से जुड़े हैं।
  • फलों और सब्जियों से भरपूर हेल्दी डाइट को अपनी रूटीन में शामिल करें। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

कोलोरेक्टल कैंसर

भारत में पाया जाने वाला तीसरा सबसे प्रमुख कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर है। इसे कैंसर का एक गंभीर प्रकार माना जाता है। यही वजह है कि समय रहते इसकी पहचान होना बेहद जरूरी है, ताकि सही इलाज की मदद से इसे ठीक किया जा सके।

बचाव के तरीके

  • 50 से ज्यादा या हाई रिस्क वाले लोगों के लिए कोलोनोस्कोपी जरूरी है, जो कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करती है।
  • फलों, सब्जियों और साबुत अनाज में पाया जाने वाला फाइबर कोलोरेक्टल कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है।
  • रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड्स को सीमित मात्रा में खाएं, क्योंकि इन्हें कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ते खतरे से जोड़ा गया है।
  • नियमित शारीरिक गतिविधि कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
  • ज्यादा वजन या मोटापा होने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए वजन कंट्रोल में रखें।

ओरल कैंसर

ओरल कैंसर, जिसे मुंह के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में पाया जाने वाला चौथा सबसे प्रमुख कैंसर है। यह एक प्रकार का सिर और गर्दन का कैंसर है, जो मुंह, होंठ, जीभ या ऊपरी गले में विकसित होता है। 

बचाव के तरीके

  • धूम्रपान, तंबाकू चबाना और सुपारी का सेवन मुंह के कैंसर के प्रमुख कारण हैं। इसलिए जितना संभव हो इनसे दूरी बनाए रखें।
  • तंबाकू के साथ-साथ शराब पीने से भी ओरल कैंसर का जोखिम बढ़ाता है। इसलिए शराब पीने से परहेज करें।
  • डेंटिस्ट से नियमित जांच कराते रहे। ऐसा करने से ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
  • फलों और सब्जियों से भरपूर डाइट लेने से मुंह के कैंसर से बचाव में मदद मिल सकती है।

सर्वाइकल कैंसर

  • यह महिलाओं में होने वाले कैंसर में सबसे प्रमुख माना जाता है। इसकी वजह से दुनियाभर कई महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ती है। यह कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है।
  • बचाव के तरीके
  • ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) से बचने के लिए सबसे HPV वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे एचपीवी वायरस से बचाव होता है, जो सर्वाइकल कैंसर से बचाता है।
  • नियमित पैप स्मीयर टेस्ट और स्क्रीनिंग की मदद से प्रीकैंसरस सेल्स का जल्द पता लगाकर सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है।
  • सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि एचपीवी संक्रमण का खतरा कम हो सके। साथ ही अपने सेक्शुयल पार्टनर की संख्या भी सीमित करें।
  • धूम्रपान से एचपीवी से संक्रमित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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