पटाखे जलाने से पहले जान लें ये बात! इसका धुआं भर सकता है मासूम की जिंदगी में अंधेरा
दीवाली के त्योहार पर कई लोग पटाखे जलाते हैं। पटाखों से निकलने वाला धुआं न तो आपकी सेहत के लिए अच्छा होता है और न ही पर्यावरण के लिए। पटाखे का धुआं (Firecracker Side Effects) बच्चों की आंखों के लिए खासकर नुकसानदेह हो सकता है। इसकी वजह से अंधेपन और इन्फेक्शन तक का जोखिम रहता है। आइए जानें कैसे पटाखे का धुआं पहुंचा सकता है बच्चों की आंखों को नुकसान।
- दीवाली का त्योहार रोशनी और खुशियों का त्योहार माना जाता है।
- दीवाली के मौके पर लोग पटाखे भी जलाते हैं।
- पटाखों से निकलने वाला धुआं बच्चों की आंखों के लिए खासकर नुकसानदेह हो सकता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Firecrackers Side Effects: दीवाली का त्योहार यानी रोशनी और खुशियों का त्योहार। इस दिन लोग घरों में दीप जलाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, रंगोली बनाते हैं और तरह-तरह की मिठाइयां खाते हैं और खुशियां मनाते हैं। इसी त्योहार में कई लोग पटाखे भी जलाते हैं, जिनमें बच्चे भी शामिल होते हैं। आप जानते ही होंगे कि पटाखे वायु प्रदूषण को और बढ़ाते हैं, जिसके कारण सेहत को काफी नुकसान (Harms of Firecrackers) हो सकता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं बच्चों की आंखों के लिए और भी घातक (Side Effects of Fire Crackers) साबित हो सकता है। आइए इस बारे में डॉ. नीरज संदूजा (एमबीबीएस, एमएस, ओफ्थल्मोलॉजिस्ट , एंड ऑय सर्जन, विआन ऑय एंड रेटिना सेंटर) से जानते हैं।
क्या हैं पटाखों के नुकसान
पटाखों से होने वाला प्रदूषण बच्चों की आंखों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है, और इसके जोखिमों को समझना बहुत जरूरी है। पटाखों से निकलने वाला धुआं कई हानिकारक केमिकल छोड़ता है जो बच्चों की आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं, दर्द का कारण बन सकते हैं और काफी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। जब बच्चे इस धुएं के संपर्क में आते हैं, तो छोटे-छोटे कण उनकी आंखों में जा सकते हैं, जिससे रेडनेस, खुजली और आंखों में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों बच्चों को रहता है ज्यादा खतरा?
बच्चों की आंखें इन प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं, क्योंकि उनकी इम्युनिटी अभी विकसित हो रही होती है। पटाखों के धुएं में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व जैसे लेड और बेरियम एलर्जी पैदा कर सकते हैं और कॉर्निया (आंख का पारदर्शी हिस्सा जो देखने के लिए जरूरी है) को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से आंखों में लगातार सूखापन की समस्या हो सकती है, जो देखने में कठिनाई और आंखों को और भी कई नुकसान पहुंच सकते हैं।
क्या अंधेपन का बन सकते हैं कारण?
इसके अलावा, पटाखों के धुएं में मौजूद प्रदूषक बच्चों में अस्थायी अंधेपन और रोशनी के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ा सकते हैं, जिससे बाहर खेलना और अन्य एक्टिविटीज में शामिल होना मुश्किल हो सकता है। इसके साथ ही, प्रदूषित वातावरण में कंजक्टिवाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है, जो बच्चों में तेजी से फैल सकता है।
पटाखों के धुएं का खतरा यहीं खत्म नहीं होता। इस प्रकार के प्रदूषण का नियमित संपर्क आंखों में गंभीर और क्रॉनिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे मोतियाबिंद, जो समय के साथ आंखों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे बच्चों को इन खतरों से बचाने के लिए कदम उठाएं। बच्चों को पटाखों के धुएं से दूर रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनकी आंखें विशेष रूप से संवेदनशील होती हैं और हानिकारक धुएं और गैसों से स्थायी नुकसान हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि पटाखे बिल्कुल न जलाएं, लेकिन अगर आपके आस-पास के लोग पटाखे जला रहे हैं, तो वहां से बच्चों को बिल्कुल दूर रखें और आप खुद भी वहां से दूर रहें।