मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जल्द ही रिटायरमेंट की उम्र में इजाफा कर सकते हैं

राज्य के किसी भी विभाग में किसी अनुभवी कर्मचारी के होने से काम परिपक्वता से होता है और काम में गलतियां होने का ख़तरा बेहद कम होता है। शायद यही सोच कर राज्य सरकार जल्द ही सरकारी कर्मियों के हित में बड़ा फैसला लेने का विचार कर रही है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जल्द ही रिटायरमेंट की उम्र में इजाफा कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़कर 65 वर्ष हो जाएगी।लेकिन इसका सीधा असर मध्यप्रदेश की बेरोजगारी दर पर पड़ेगा। अगर सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र में 3 साल की वृद्धि कर दी गई तो बेरोजगारी दर में भारी इजाफा होने की उम्मीद है।

पिछले कुछ सालों में कई विभाग ऐसे हैं जिनमें बड़े पैमाने पर भर्तियां नहीं हुई हैं। अगर कर्मचारी रिटायर होते है तो शिवराज सरकार को तीन साल में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान पेंशन ग्रेच्युटी के तौर पर करना होगा। यही वजह है सरकार खुद भी चाहती है की इस सिफारिश को लागू किया जाए।मध्य प्रदेश में कुछ कमर्चारी संगठन भी इस सिफारिश का विरोध कर रहे है। कमर्चारियों का कहना है की सरकार को कमर्चारियो की उम्र बढ़ाने के बजाय उसे घटाकर 60 साल कर देना चाहिए जिससे कर्मचारियों को बढ़ती उम्र में आराम भी मिलेगा और नयी भर्ती के बाद बेरोजगार युवाओ को रोजगार भी।

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