मिथुन राशि में 2023 में शनि होंगे भाग्येश में स्वगृही

सूर्य पुत्र शनि देव माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर धनिष्ठा नक्षत्र तृतीय के चरण में ग्रहों में न्यायाधीश की पदवी प्राप्त शनि देव का गोचरीय परिवर्तन होने जा रहा है। अर्थात शनि देव अपनी पहली राशि मकर से अपनी ही दूसरी राशि कुंभ में 18 जनवरी को सूर्योदय के साथ ही कुम्भ राशि मे प्रवेश कर गोचरीय यात्रा आरम्भ करेंगे। शनि देव का यह गोचरीय परिवर्तन चराचर जगत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण परिवर्तन है । शनि देव को ग्रहीय व्यवस्था में न्याय कर्ता कहा गया है। जो जैसा कर्म करता है उसको उसी प्रकार का फल प्रदान करते हैं। शनि देव का कुंभ राशि में गोचर अपना संपूर्ण प्रभाव दे पाने में सफल होगा। जिसके लिए शुभ कारक स्थिति में विद्यमान होंगे उनके लिए शुभ फलों में तीव्रता के साथ वृद्धि करेंगे एवं जिनकी जन्म कुंडली में नकारात्मक फल प्रदायक के रूप में अर्थात और अकारक हो करके विद्यमान होंगे उनके लिए नकारात्मक फल भी उतना ही तीव्रता के साथ प्रदान करेंगे । यहां मिथुन राशि वालों के लिए किस प्रकार का प्रभाव स्थापित करने जा रहे हैं इसकी चर्चा करेंगे।

मिथुन :- मिथुन लग्न अथवा मिथुन राशि वालों के लिए शनि देव अष्टम एवं भाग्य भाव के कारक होते है। ऐसे में भाग्येश होकर भाग्य भाव में स्वगृही गोचरीय संचरण गोचर करने जा रहे हैं। भाग्येश का स्वगृही होना एक बड़ी बात होती है। शनि के इस परिवर्तन के कारण मिथुन लग्न अथवा मिथुन राशि वालों के भाग्य में सकारात्मक प्रगति देखने को मिलेगा। कार्यो के साथ भाग्य का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है। पराक्रम में वृद्धि, कर्म फल में सकारात्मकता, सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि पिता के स्वास्थ्य में सुधार, पिता के सुख एवं सानिध्य में वृद्धि की स्थिति बनेगा । शनिदेव की तीसरी दृष्टि लाभ भाव पर होगी जो ज्यादा शुभ फल प्रदायक नहीं होगी। क्योंकि तीसरी दृष्टि इन की नीच दृष्टि होगी। ऐसे में लाभ के अवसरों में कमी प्रदान करेंगे। व्यापारिक गतिविधियों में अवरोध के साथ प्रगति की स्थिति बनाएंगे। अचानक से धन लाभ होगा परंतु उसके लिए परिश्रम ज्यादा करना पड़ेगा । पैतृक संपत्ति को लेकर भी तनाव या विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। शनिदेव की सप्तम दृष्टि पराक्रम भाव पर होगा। ऐसे में पराक्रम में वृद्धि के साथ-साथ भाई बहनों के स्वास्थ्य की चिंता भी उत्पन्न करेंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए थोड़ा संभल कर रहने की विशेष आवश्यकता होगी। शारीरिक प्रतिस्पर्धा अर्थात खेल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय सहयोगी साबित होगा । अगली दृष्टि छठे भाव पर होगी अर्थात कर्ज ,रोग एवं प्रतियोगिता के भाव पर होगे। फल स्वरूप शत्रु पर विजय , पुराने रोगों से मुक्ति ,कर्ज से मुक्ति भी प्रदान करने में पूर्णता मदद करेंगे। इस प्रकार देखा जाए तो मिथुन लग्न वालों के लिए अथवा मिथुन राशि वालों के लिए शनि देव का यह परिवर्तन ज्यादा सकारात्मक फल प्रदायक ही होगा। अष्टमेश होने के कारण थोड़ा सा अरोधक भी साबित होंगे। ऐसे में अपने मूल कुंडली के अनुसार उपाय कर लेने से शुभता में वृद्धि हो जाएगा।

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