उदयगामी सूर्य को अर्घ्य आज, जानें सूर्यदेव को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था के इस महापर्व का समापन हो जाएगा।
छठ पर्व पर महिलाओं ने रविवार को निर्जल व्रत रखा। दिन भर महिलाएं घरों में पूजा सामग्री जुटाने और पकवान बनाने में व्यस्त रहीं। दोपहर दो बजे के बाद महिलाएं छठ पूजा घाट की ओर निकलना शुरू कर दी थीं। तीन बजे तक ज्यादातर महिलाएं घाट पर पहुंचकर वेदी की पूजा-अर्चना करने में जुट गई थीं। घर के पुरुष सदस्यों ने सिर पर दौरा और हाथ में सूपा लेकर व्रती महिलाओं के साथ जाते दिखे। इस दौरान ‘हे छठी मईया हर लीं बलैया हमार’ ‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’ आदि गीत गातीं महिलाएं छठी मईया के जयकारे के बीच घाटों की ओर बढ़ती दिखीं। घाटों पर भी भक्ति गीत गूंजते रहे।
वहां दीप जलाकर पूजा-अर्चना की। राप्ती नदी के किनारे स्थित राजघाट, सूर्यकुंड, गोरखनाथ, महेसरा, तकिया घाट, मानसरोवर, रामगढ़ताल सहित विभिन्न मोहल्लों में बने घाटों पर व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। संतान और पति के साथ ही सभी के लिए मंगलकामना की। परिवार के पुरुष सदस्यों और पंडितों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिलाया।
गोरखनाथ मंदिर में भी छठ व्रत की छटा देखने को मिली। बड़ी संख्या में महिलाएं भीम सरोवर पहुंचीं और सूर्य को अर्घ्य देकर संतान की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की। शहर के कूड़ाघाट आवास विकास कॉलोनी, मालवीय नगर, दिव्यनगर, बिलंदपुर, बेतियाहाता, रुस्तमपुर, मोहद्दीपुर, शाहपुर, सहारा इस्टेट समेत कई कॉलोनियों के आसपास अस्थायी तालाब बनाए गए हैं, जहां व्रती महिलाओं ने पूजन-अर्चना किया।
आज अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त-
सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे भक्त।