रक्षाबंधन पर ये शुभकामना फोटो मैसेज भेजकर करें विश

नई दिल्लीदेश भर में रक्षाबंधन के त्योहार की जबरदस्त रौनक है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार इस बार दो दिन आज और कल मनाया जा रहा है। यह त्योहार हर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन  जिसमें भाई  अपने बहन को रक्षासूत्र बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। आप इस शुभ दिन पर अपने करीबियों को कुछ शुभकामना संदेश भेजकर विश कर सकते हैं। यहां देखें ऐसे ही कुछ मैसेज-

देखें कुछ बेहतरीन शुभकामना संदेश-

आया राखी का  त्योहार, छाई खुशियों की बहार
रेशम की डोरी से बांधा एक बहन ने
अपनी भाई की कलाई पर प्यार।।

कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी,
प्यार और मीठी शरारतों की होड़ है राखी,
भाई की लम्बी उम्र की दुआ है राखी,
बहने के पवित्र प्यार की दुआ है राखी।।

भगवान हर जगह नहीं हो सकते,
इसलिए उन्होंने मां को बनाया
और मां हर वक्त हमारे साथ नहीं हो सकती,
इसीलिए भगवान ने बहन को बनाया।।

किसी के जख्म पर चाहत की पट्टी कौन बांधेगा
अगर बहन नहीं  होगी तो राखी कौन बांधेगा – मुनव्वर राना

मृदुल स्नेह, अटूट विश्वास और समर्पण से परिपूर्ण भाई-बहन के पावन पर्व रक्षाबंधन की आप सभी को हार्दिक बधाई।
रक्षाबंधन का त्यौहार आप सभी के जीवन में अपार खुशियां और नई उमंग लाए, यही कामना है।
सभी को इस स्नेह पर्व की अनंत शुभकामनाएं!

साथ पले और साथ बढ़े हैं हम,
खूब मिला बचपन में प्यार,
इसी प्यार को याद दिलाने
आया ये राखी का त्यौहार।।
– रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

शम की डोरी फूलों का हार
सावन में आया राखी का त्योहार,
बहन की खुशी में भाई की खुशी है
देखो दोनों में कितना है प्यार।
रक्षाबंधन की शुभकामनाएं।

कब मनाएं रक्षाबंधन, कब है राखी
वेद विद्यालय हनुमान सेतु के वेदाचार्य गोविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि वाराणसी के महावीर एवं ऋषिकेष पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9:35 से शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7:16 बजे तक रहेगी। 11 को पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ ही भद्राकाल लग जाएगा। यह रात में 8:25 तक रहेगा। शास्त्रों के मुताबिक भद्राकाल में रक्षासूत्र जैसे शुभ कार्य वर्जित हैं। रात 8:25 से अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7:16 बजे तक किसी भी समय रक्षासूत्र बांध सकते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक धार्मिक मान्यता के अनुसार भद्राकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। भद्राकाल में रक्षासूत्र भी नहीं बांधा जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button