झारखंड में बारिश के पानी को सहेजने के लिए बन रहे तालाब

झारखंड में मिशन अमृत सरोवर के तहत सरोवरों (तालाब) का निर्माण कराया जा रहा है. इसका उद्देश्य बारिश के जल को सहेजना है. इसके तहत हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण या जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो गया है. शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के गांवों को इसमें प्राथमिकता दी जा रही है. नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए स्वाधीनता सेनानियों, उनके पारिवारिक सदस्यों या शहीद सैनिकों के परिजनों या पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों द्वारा अमृत सरोवर के कार्य का शुभारंभ कराने का प्रयास किया जा रहा है.

झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने कहा कि हर जिले में कम से कम 75 सरोवरों (तालाबों) का निर्माण या जीर्णोद्धार किया जा रहा है. जनभागीदारी से इन्हें धरोहर के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक सरोवर के लिए उपभोक्ता समूह (यूजर ग्रुप) का गठन किया जाएगा. जिस पर सरोवर के जल के उपयोग और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी होगी. मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि मिशन अमृत सरोवर में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने और सम्पूर्ण प्रक्रिया के दस्तावेजीकरण के लिए अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक अमृत सरोवर के लिए एक ‘जल उपभोक्ता समूह’ का गठन किया जाएगा. यह समूह सरोवर के निर्माण की अवधारणा से लेकर उसके पूरा होने और बाद में उसके उपयोग तक परियोजना से जुड़ा रहेगा. इस उपभोक्ता समूह पर वृक्षारोपण सहित अमृत सरोवर के उपयोग और रखरखाव की जिम्मेदारी होगी. उपभोक्ता समूह द्वारा हर मानसून के बाद स्वेच्छा से सरोवर के जलग्रहण क्षेत्र से गाद हटाने का कार्य किया जाएगा. अमृत सरोवर के निर्माण के लिए प्राप्त लोगों के सहयोग (योगदान) और दान (श्रम, सामग्री, मशीन) के विवरण को सूचीबद्ध कर उसे नागरिक सूचना पटल के निकट एक अलग सूचना पटल स्थापित करते हुए प्रदर्शित किया जाएगा.

वर्षा जल संरक्षण, भू-जल स्तर में वृद्धि, सिंचाई एवं मत्स्य पालन जैसे बहुआयामी उद्देश्यों को लेकर मिशन अमृत सरोवर शुरू किया गया है. सभी जिलों में स्थल चयन की कार्यवाही से लेकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की प्रकिया मिशन मोड में पूर्ण की जा रही है. गांवों में अमृत सरोवर के निर्माण को ऐतिहासिक बनाने इसके लिए स्थल चयन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है. कम से कम एक एकड़ क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले अमृत सरोवर के लिए चिन्हित किए जा रहे गांवों में उन गांवों को प्राथमिकता देनी है जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या शहीदों से संबंधित हों. मिशन में नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए स्वाधीनता सेनानियों या उनके पारिवारिक सदस्यों या आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों के परिजनों या पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों द्वारा अमृत सरोवर के कार्य का शुभारंभ कराया जाएगा. अमृत सरोवर की आधारशिला रखने, कार्यस्थल पर नीम, पीपल, बरगद जैसी प्रजाति के वृक्षों का पौधरोपण करने एवं प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण का नेतृत्व संबंधित गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या उनके परिवार के सदस्य, शहीद के परिवार या पद्म पुरस्कार से सम्मानित स्थानीय व्यक्ति के द्वारा कराया जाएगा. यदि अमृत सरोवर के निर्माण के लिए चयनित गांव में ऐसा कोई नागरिक उपलब्ध नहीं है, तो उस ग्राम पंचायत के सबसे वरिष्ठ नागरिक के द्वारा यह कार्य कराया जाएगा.

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