आयरन और आयोडीन की कमी होने से बच्चों में दिखते हैं ये खतरनाक लक्षण

बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आयोडीन और आयरन जैसे न्यूट्रिएंट्स की कमी गंभीर हो सकती है। आयोडीन थायरॉइड हार्मोन बनाने में मदद करता है, जबकि आयरन ऊर्जा, इम्यूनिटी और संज्ञानात्मक विकास के लिए आवश्यक है। संतुलित आहार में इनका समावेश सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।

HIGHLIGHTS

  1. न्यूट्रिएंट्स की कमी से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
  2. आयोडीन थायरॉइड हार्मोन व मानसिक विकास के लिए जरूरी
  3. आयरन ऊर्जा, इम्यूनिटी और संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण

मैगजीन डेस्क, इंदौर। शरीर में सभी न्यूट्रिएंट का अपना खास महत्व है। किसी एक भी न्यूट्रिएंट की कमी होने पर शरीर संकेत देने लगता है, जिससे भविष्य में बड़ी परेशानियां संभव हैं। बच्चों की बढ़ती उम्र में हर एक न्यूट्रिएंट का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही इनके स्वास्थ्य की नींव है। इस दौरान जंक और प्रोसेस्ड फूड दे कर अगर बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर कर दी, तो ये जीवन भर कमजोर रह जाती है।

आजकल बच्चों में सबसे अधिक कमी जिस न्यूट्रिएंट की हो रही है, उनमें से खास दो न्यूट्रिएंट हैं आयोडीन और आयरन।

आयोडीन थायरॉइड हार्मोन बनाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फिर थायरॉइड हार्मोन शरीर में कई प्रकार की भूमिका निभाता है, जैसे फोकस, मेमोरी, मेंटल क्लैरिटी, अटेंशन आदि।

बच्चे में आयोडीन की कमी होने के कारण

  • खाने में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन उपलब्ध न होना
  • आयोडाइज सॉल्ट में आयोडीन का मौजूद ही न होना
  • ब्रोमीन, क्लोरीन व फ्लोरीन आयोडीन को शरीर से फ्लश कर देते हैं।

इनसे बच्चों को मिलेगा आयोडीन

1 से 8 साल के बच्चे को 90ug/प्रतिदिन आयोडीन की मात्रा लेनी चाहिए। आयोडीन एक ऐसा एसेंशियल न्यूट्रिएंट है, जिसे डाइट से लेना जरूरी है। आयोडीन नमक, फिश, सी फूड, अंडे और योगर्ट में पाया जाता है।

इसी तरह बच्चों में आयरन की कमी भी एक आम बात होती जा रही है, क्योंकि 1 से 5 साल के बच्चों में आयरन की कमी ग्लोबल लेवल पर एक आम बात हो चुकी है।

आयरन बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी

  • हिमोग्लोबिन का प्रोडक्शन
  • इम्यूनिटी को सपोर्ट करता है
  • न्यूरोट्रांसमिटर के प्रोडक्शन
  • कॉग्निटिव रूप से करता है विकास

आयरन की कमी होने पर बच्चों को नुकसान

  • एनर्जी लो हो जाती है
  • चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है
  • फोकस करने में दिक्कत
  • बच्चों को मिट्टी, चॉक की क्रेविंग होना
  • नाखूनों का कमजोर होना
  • इम्यून सिस्टम कमजोर होना
  • हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं।

आयरन रिच फूड बच्चों को जरूर दें

बच्चे को आयरन रिच फूड जरूर दें। आयरन रिच फूड हीम और नॉन हीम, दो प्रकार के होते हैं। हीम आयरन मीट, फिश, पोल्ट्री के रूप में होता है, जिसे शरीर तेजी से एब्जॉर्ब करता है। नॉन हीम आयरन प्लांट बेस्ड फूड्स में पाया जाता है, जैसे सब्जी, फल, नट्स आदि जैसी शरीर उतना तेजी से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता है। आयरन रिच फूड के साथ विटामिन सी लेना न भूलें, क्योंकि ये आयरन को एब्जॉर्ब होने में मदद करता है।

आयरन की कमी से एनीमिया, एंजाइटी, डिप्रेशन को बुलावा देती है। बच्चों को उनकी डाइट में पर्याप्त मात्रा में आयरन और आयोडीन युक्त आहार दें, जिससे वे भविष्य में इनकी कमी से होने वाले परिणाम का शिकार न हों।

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