बार-बार एलर्जी हो तो सेहत के प्रति सावधान रहें… धूल से सांस लेने में परेशानी, हो सकता है अस्थमा का संकेत
अस्थमा यानि दमा फेफड़ों की एलर्जी है। जिसमें श्वांस नली में सिकुड़न होती है। रात में ज्यादा खांसी, छाती में जकड़न, सांस फूलना, फेफड़ों से सीटी जैसी आवाज आदि लक्षण प्रकट होने पर विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि समय रहते उपचार कराने से दमा पूरी तरह ठीक हो सकता है।
HIGHLIGHTS
- मौसम में परिवर्तन से भी हो रहा जुकाम।
- जबलपुर के चिकित्सक कर रहे हैं सावधान।
- दैनिक जीवन पर विपरीत असर पड़ता है।
Health Newa : मौसम में परिवर्तन और धूल से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। दिन और रात में तापमान में बढ़ते अंतर और खान-पान में लापरवाही से सर्दी-जुकाम की समस्या हो रही है। वहीं, सड़कों, निर्माण स्थलों से लेकर घरों में उड़ रही धूल भी एलर्जी उत्पन्न कर रही है।
सर्दी, गले में खराश की समस्या हो रही है
निरंतर छींक-खांसी आने से सांस फूल रही है। ऐसी समस्या लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में कुछ दिनों में वृद्धि हुई है।
निजी क्लीनिक में कई मरीज पहुंच रहे
अस्पतालों से लेकर निजी क्लीनिक में कई मरीज पहुंच रहे हैं। मरीजों में बच्चे, वृद्ध के साथ ही अस्थमा पीड़ित भी सम्मिलित है।
सड़कों के गड्ढों में भरी धूल वाहनों के गुजरते ही उड़ रही
नगर में कई जगह सड़कों के गड्ढों में भरी धूल वाहनों के गुजरते ही उड़ रही है। फ्लाईओवर, सड़क एवं अन्य निर्माणाधीन कार्यों वाले स्थानों से गुजरने पर भी लोग धूल फांक रहे हैं।
पुट्टी के अवशेष भी श्वास संबंधी समस्या के कारक बन रहे
त्योहार से पहले घरों में सफाई, रंगरोगन के दौरान भी धूल उड़ रही है। घिसाई में उड़ रही दीवारों पर की जाने वाली पुट्टी के अवशेष भी श्वास संबंधी समस्या के कारक बन रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि जिन्हें श्वास संबंधी समस्या है उन्हें धूल से बचाव करना आवश्यक है।
अस्थमा अनुवांशिक कारणों से भी होता है
इस बीमारी से काेई भी प्रभावित हो सकता है। अस्थमा अनुवांशिक कारणों से भी होता है। अस्थमा के मरीजों को उन कारकों का अच्छी तरह पता होना चाहिए जो बीमारी के लिए ट्रिगर का काम करते हैं।
पालतू जानवर इसके लिए ट्रिगर का काम करते
धूल, रसोई से निकलने वाला धुुंआ, वातावरण में नमी, परागकण, इत्र, पालतू जानवर समेत तमाम कारण इस बीमारी के लिए ट्रिगर का काम करते हैं।
सांस फूलना, छाती में भारीपन महसूस होना, नाक बहना आदि लक्षण मुख्य
तमाम लोगों में अस्थमा की शुरुआत बचपन में हो जाती है। असमय खांसी, सांस फूलना, छाती में भारीपन महसूस होना, नाक बहना आदि लक्षण मुख्य हैं।
बेहतर उपाय इनहेलर, भ्रम कि आदत लंबे समय के लिए बन जाएगी
दमा का बेहतर उपाय इनहेलर है। परंतु तमाम मरीज इस भ्रम में इनहेलर से बचना चाहते हैं कि इसकी आदत लंबे समय के लिए बन जाएगी। परंतु इनहेलर से दवा का सटीक असर होता है। इसके दुष्प्रभाव भी अपेक्षाकृत कम होते हैं।
मोटापा इस बीमारी को और गंभीर बनाता है
अस्थमा के कारण दैनिक जीवन पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए लोगों को इस बीमारी से बचाव के उपाय करना चाहिए। मोटापा इस बीमारी को और गंभीर बनाता है। इसलिए सेहत पर नियंत्रण आवश्यक है। मोटापे के कारण अस्थमा का खतरा बढ़ता है।