किसी भी तरह का बुखार हो, हल्के में लेना भारी पड़ सकता है, जांच कराएं

मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डा. अरविंद शर्मा ने दिए पाठकों के सवालों के जवाब, बुखार होने पर अधिकृत चिकित्सीय से परामर्श लेना उचित रहता है। चिकित्सीय परामर्श से आवश्यक जांच कराते हुए दवा का सेवन करना चाहिए।

HIGHLIGHTS

  1. सामान्य मानकर अपनी मर्जी से दवा का सेवन करते रहते हैं।
  2. जब स्थिति बिगड़ जाती है तो चिकित्सक के पास पहुंचते हैं।
  3. जांच में मलेरिया, डेंगू या अन्य कोई कारण सामने आता है।

जबलपुर (Jabalpur) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डा. अरविंद शर्मा ने बताया कि कई बार लोग बुखार को सामान्य मानकर अपनी मर्जी से दवा का सेवन करते रहते हैं। स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। जांच में मलेरिया, डेंगू या अन्य कोई कारण सामने आता है। जिससे बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है।

 

रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें ज्यादा सतर्क रह

वर्तमान में मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है उन्हें ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। थोड़ी सी असावधानी ऐसे लोगों के लिए बीमारी का कारण बन सकती है। मानसून सीजन में वे वायरल, इंफ्लुएंजा, सर्दी खांसी, एलर्जी की चपेट में आ सकते हैं। डा. शर्मा से जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दमोह, उमरिया, मंडला, सीधी, शहडोल, अनूपपुर समेत अन्य जिलों के पाठकों ने डा. शर्मा से फोन पर चर्चा कर अपनी शंका का समाधान किया। सेहत के प्रति वे जागरूक हुए।

 

naidunia_image

 

पाठकों के सवाल का जवाब देते नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डा. अरविंद शर्मा

वायरल इंफेक्शन व संक्रामक बीमारियाें का खतरा

डा. शर्मा ने कहा कि मानसून सीजन में वायरल इंफेक्शन व संक्रामक बीमारियाें का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए संयमित दिनचर्या, स्वच्छ पेयजल व घर का बना शुद्ध भोजन, घर व आसपास स्वच्छता, मच्छरों से बचाव का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

फ्रीज में रखे भोजन को गरम कर खाना नुकसानदेह

आमतौर पर लोग रात का बचा हुुआ खाना फ्रीज में रख देते हैं। अगले दिन उसका सेवन करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि बासा भोजन भले ही फ्रीज में रखा गया हो, गरम कर उसका सेवन करते से सेहत को नुकसान हो सकता है। इस मौसम में फंगल इंफेक्शन का भी खतरा होता है।

अच्छी तरह सूखे कपड़े व बिस्तर का उपयोग कर

गीले कपड़े, बिस्तर में नमी से बचाव करना चाहिए। अच्छी तरह सूखे कपड़े व बिस्तर का उपयोग करना चाहिए। गले में खरास होने पर गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना लाभदायक होता है। परंतु यदि इससे राहत न मिले तो नाक कान गला रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

 

स्वच्छता से संक्रमण को हराएं

मेडिकल के अधीक्षक डा. शर्मा ने कहा कि इस मौसम में स्वच्छता अपनाकर संक्रमण को हराया जा सकता है। वायरल, बैक्टीरियल, फंगल व प्रोटोजोअन संक्रमण से स्वच्छता अपनाकर बचाव किया जा सकता है। इसी तरह कच्चे खाद्य पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए।

अच्छी तरह पका हुआ घर पर बना भोजन करें

फल व सब्जियों को अच्छी तरह साफ पानी में धोने के बाद ही उपयोग में लाना चाहिए। बेहतर होगा कि सलाद से बचें तथा अच्छी तरह पका हुआ घर पर बना भोजन करें। बाहर असुरक्षित वातावरण, खुले में बेची जाने वाली खाद्य सामग्री, फास्ट फूड, जंक फूड आदि के सेवन से बचना चाहिए। बेेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए।

सवाल जवाब

सवाल-10 दिन से बुखार है। मेडिकल स्टोर से खरीदी दवा के सेवन से आराम मिलता है परंतु असर कम होते ही बुखार आ जाता है।

पंकज कुमार, जबलपुर

जवाब-इस मौसम में वायरल संक्रमण के कारण बुखार का खतरा बढ़ता है। परंतु चिकित्सीय परामर्श से ही दवा का सेवन करना चाहिए। आप चिकित्समक से मिलें और मलेरिया, डेंगू की जांच कराएं।

सवाल-गले में खरास है, दवा के सेवन से भी आराम नहीं मिल रहा है।

नवीन शर्मा, जबलपुर

जवाब-मानसून सीजन में गले में संक्रमण का खतरा बढ़ता है। यदि घरेलू नुस्खे तथा दवा से आराम नहीं मिल रहा है तो नाक कान गला विशेषज्ञ से परामर्श लें। गुनगुने पानी का सेवन करें तथा गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करें।

सवाल-मेरे पिताजी की उम्र 78 वर्ष है। वे बार-बार वायरल संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।

सतीश लिल्लारे, बालाघाट

जवाब-इस मौसम में इस तरह का खतरा संभावित रहता है। ज्यादा उम्र के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। लिहाजा मौसम के संभावित खतरे से बचाव करना बेहद आवश्यक है। पिताजी को मास्क पहनने की सलाह दें।

सवाल-मेरी उम्र 45 वर्ष है। वजन घट रहा है, कमजोरी महसूस होती है, कब्ज की भी समस्या है।

राजेश कुमार, दमोह

जवाब-खानपान में लापरवाही भी इस समस्या की वजह हो सकती है। लिहाजा नाश्ता व भोजन समय से करें। फास्ट फूड, जंक फूड, मसालेदार भोजन से बचें। फल व मौसमी सब्जियों का सेवन करें। समस्या दूर न होने पर विशेषज्ञ से परामर्श लें।

सवाल-वर्षा के मौसम में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। इनसे होने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय बताएं।

राजीव पाठक, मंडला

जवाब-मच्छरों से बचाव ही मच्छरजनित रोगों से बचाव का सबसे सुरक्षित व आसान उपाय है। लिहाजा घर में रखे कूलर का पानी खाली कर दें। अनुपयोगी बर्तन, गमलों में वर्षा का पानी जमा न होने दें। घर के आसपास भी सफाई रखें। जहां पानी जमा हो वहां जला हुआ आयल डाल दें। मच्छरों का लार्वा न पनपने दें।

सवाल-उल्टी, दस्त बीमारी की रोकथाम के उपाय बताएं। इसकी वजह से मुझे कमजोरी आ गई है।

विजय नामदेव, सीधी

जवाब-उल्टी दस्त से बचाव के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। संतुलित व शुद्ध खान-पान पर विशेष ध्यान दें। इससे परिवार के अन्य सदस्यों को भी बीमारी से बचा सकेंगे। कमजोरी दूर करने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button