वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को ओम प्रकाश राजभर ने बताया जरूरी, बोले- ‘मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए विरोध कर रहे अखिलेश’ वक्फ के तहत वो संपत्तियां आती हैं, जिन्हें अल्लाह के नाम कर दिया जाता है। यानी दान कर दिया जाता है। इन्हीं संपत्तियों की देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। जवाहरलाल नेहरू ने साल 1954 में वक्फ एक्ट पास किया था। अब कहा जा रहा है कि सरकार इसी कानून में संशोधन करना चाहती है।

वक्फ के तहत वो संपत्तियां आती हैं, जिन्हें अल्लाह के नाम कर दिया जाता है। यानी दान कर दिया जाता है। इन्हीं संपत्तियों की देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। जवाहरलाल नेहरू ने साल 1954 में वक्फ एक्ट पास किया था। अब कहा जा रहा है कि सरकार इसी कानून में संशोधन करना चाहती है।

HIGHLIGHTS

  1. मुस्लिम पक्ष की दलील- अल्लाह को दी गई चीज वापस नहीं ली जा सकती
  2. BJP का दावा- वक्फ की अनियमितताओं को दूर करना चाहती है सरकार
  3. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ ही ओवैसी भी हमलावर, पढ़िए बयानबाजी

ब्यूरो/एजेंसी, नई दिल्ली (Waqf Act Amendment Bill)। वक्फ बोर्ड को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। कुछ लोगों ने आशंका जताई है कि मोदी सरकार संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल आने जा रही है। इसके जरिए वक्फ की जमीनों पर मालिकाना हक में बदलाव किया जाएगा। साथ ही वक्फ बोर्ड में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।

इस बीच, यूपी के गाजीपुर में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, वक्फ बोर्ड संशोधन बिल जरूरी है। वक्फ बोर्ड अपने नियमों के अनुसार कार्य करता है। सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए सरकार अपनी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए यह विधेयक ला रही है। समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक को गुमराह करने और खुश करने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं।

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वहीं, सरकारी की ओर से बिल पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बयानबाजी तेज है। सोमवार को दिन अहम है, क्योंकि संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और कहा जा रहा है कि सरकार आज यह बिल पेश कर सकती है।

Waqf Act: भाजपा ने बताया- बदलाव क्यों जरूरी

केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में संशोधन की अटकलों के बीच भाजपा ने रविवार को अपना रुख साफ किया। पार्टी ने कहा कि वक्फ की संपत्तियों में कई अनियमितताएं हैं, जिन्हें सरकार दूर करना चाहती है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के मुताबिक, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वक्फ संपत्तियों की अनियमितताओं को दूर किया जाए और लोगों को उनका उचित हिस्सा देना होगा।विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने सरकार से इस बारे में दखल देने की अपील की है। कई शिकायतें मिली हैं कि वक्फ ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया है और दूसरे पक्ष को उचित मुआवजा भी नहीं दिया है। – दिनेश शर्मा, भाजपा नेता और यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम

 

कांग्रेस नेता नसीम खान बोले- संशोधन बर्दाश्त नहीं

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन पार्टी के मुस्लिम नेता मुखर हैं। मुंबई में कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि एक बार वक्फ की संपत्ति हमेशा वक्फ की संपत्ति होती है। इस एक्ट में संशोधन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी किया संशोधन का विरोध

इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। बोर्ड ने बयान जारी किया कि वक्फ एक्ट में कोई भी बदलाव कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। वक्फ अधिनियम में ऐसा कोई भी बदलाव, जो वक्फ संपत्तियों की स्थिति और प्रकृति को बदलता है या सरकार या किसी व्यक्ति के लिए उन्हें हड़पना आसान बनाता है, कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या NDA में भाजपा को करना होगा मुश्किलों का सामना

केंद्र की एनडीए सरकार में साथी जदयू में भी विरोध होने लगा है। जदयू के पूर्व सांसद गुलाम रसूल ने कहा कि नीतीश कुमार को केंद्र की इस कोशिश का विरोध करना चाहिए।

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