Kidney Stone: काफी खतरनाक होता है किडनी स्टोन, पहले से ही दिखाई देने लग जाते हैं लक्षण
किडनी हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है। यह हमें सेहतमंद रखने के लिए शरीर में कई जरूरी काम करता है। इस समस्या से बचने के लिए जीवनशैली में उचित बदलाव किया जाए। हमारे खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। खट्टे फलों को अपनी डेली डाइट में शामिल करने से किडनी स्टोन को रोकने में मदद मिलती है।
HIGHLIGHTS
- गैस बनना, पेट फूलना, भारीपन आदि पथरी के लक्षण हैं।
- यह पित्त की थैली में बार-बार सूजन आने के कारण बनती है।
- खराब गाल ब्लेडर शरीर से निकलने पर परेशानी नहीं होती।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Kidney Stone: पथरी (स्टोन) बहुत ही सामान्य समस्या है। इस बारे में सही जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। किडनी की पथरियां गालब्लैडर की पथरियों से अलग होती हैं और उनका इलाज भी अलग होता है।
किडनी के स्टोन का इलाज स्टोन के साइज और किस जगह पर है, उस पर निर्भर करता है। उसका सही निर्णय न्यूरोसर्जन मरीज की जांच और रिपोर्ट के आधार पर करते हैं। वहीं, गाल ब्लैडर स्टोन का उपचार अधिकांश मामलों में ऑपरेशन ही होता है।
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पेट दर्द इसका प्रमुख लक्षण
इसमें मरीज का गाल ब्लैडर (पित्त की थैली) स्टोन सहित निकाल दिया जाता है। गाल ब्लैडर हमारे शरीर में नाशपाती के आकार का थैलीनुमा होता है। यह अंग लिवर के नीचे पाया जाता है।
पित्ताशय की पथरियां (गाल स्टोन) एक से लेकर सैकड़ों की संख्या में हो सकती है। छोटी या बड़ी साइज में पाई जा सकती है। यह पित्त की थैली में बार-बार सूजन आने के कारण बनती है। पेट दर्द इसका प्रमुख लक्षण होता है।
दूरबीन पद्धति से हो रहा इलाज
- इसके अलावा ज्यादा गैस बनना, पेट फूलना, भारीपन आदि भी इसके लक्षण है।
- बार-बार सूजन आने से पित्त की थैली खराब हो जाती। अतः ऑपरेशन में पथरी के साथ-साथ पित्त की थैली भी निकाल दी जाती है, जिससे यह समस्या भविष्य में दोबारा कभी नहीं होती है।
- खराब गाल ब्लेडर शरीर से निकलने पर परेशानी नहीं होती है, लेकिन इसके कारण होने वाली तकलीफ से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। दूरबीन पद्धति से इलाज हो रहा है।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।