रूस और ऑस्ट्रिया के दौरे से भारत लौटे पीएम मोदी, पुतिन को पढ़ाया था शांति का पाठ, अमेरिका तक हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विशेष रणनीतिक साझेदार देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगातार शांति का संदेश दिया। इसके बाद अमेरिका ने भी माना कि मोदी यूक्रेन-रूस युद्ध को रुकवाने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं।
HIGHLIGHTS
- तीन दिन में पीएम ने किए दो विदेश दौरे
- भारतीय मूल के लोगों को किया संबोधित
- दोनों देशों के साथ हुए कई अहम समझौते
एजेंसी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और ऑस्ट्रिया के सफल दौरे से गुरुवार सुबह नई दिल्ली लौट आए। पालम एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया गया। अपने तीन दिवसीय दौरे पर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाया। इसकी सब दूर चर्चा हो रही है।
मॉस्को में पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है और हम मासूमों की मौत स्वीकार नहीं कर सकते। इसके बाद ऑस्ट्रिया में भी यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की भयावहता को खत्म करने की बात उठाई।
इससे पहले बुधवार को ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मासूमों की जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। तीन दिन में यह तीसरा मौका रहा जब पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध बच्चों की मौत का मामला उठाया।
भारत एक प्रभावशाली देश है और इसकी अपनी साख है, जो यूक्रेन-रूस शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मेरे लिए भारत के आकलन को जानना-समझना और भारत को यूरोपीय चिंताओं व परेशानियों से परिचित कराना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। – कार्ल नेहमर, ऑस्ट्रिया के चांसलर
(पीएम मोदी के साथ सेल्फ लेते ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर)
पीएम मोदी के रूस दौरे पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे पर अमेरिका की भी पैनी नजर रही। व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
- पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर के अनुसार, रूस से दोस्ती के बावजूद भारत, अमेरिका का रणनीतिक साझेदार रहा है।
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक दिन पहले कहा था कि रूस के साथ भारत के संबंधों पर अमेरिका विमर्श करता रहा है।