आज विवाह पंचमी माता लक्ष्मी की पूजा के लिए है विशेष, धनधान्य भरती हैं मां लक्ष्मी की अराधना
अगहन की पंचमी होने के कारण इस दिन माता लक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है। इसे श्रीपंचमी व्रत भी कहा जाता है। कहते हैंकि इस दिन जो व्रत करता है, उसे निरोग काया का वरदान तो मिलता ही है, साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा से धनधान्य में वृद्धि होती हैं। इसलिए अगहन में जहां गुरुवार का खास व्रत औऱ पूजा मां लक्ष्मी के लिए की जाती है, वहीं अगहन की पंचमी भी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बहुत ही खास दिन है। माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी खास पूजा की जाती है।
इसके अलावा अगर संकल्प करके यह व्रत किया जाए तो आपका सोचा हुआ कार्य भी पूरा होता है। इस दिन विवाह पंचमी का पर्व भगवान राम और सीता विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन पति-पत्नी को भी भगवान राम और सीता की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसी दिन तुलसीदास जी ने रामचरिमानस लिखने का काम पूरा किया था। इसलिए राम-सीता की पूजा के साथ रामचरितमानस का पाठ भी खासतौर पर करना चाहिए।
आपको बता दें कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की विवाह पंचमी तिथि 27 नवंबर की शाम 4:25 बजे से शुरू होकर 28 नवंबर को दोपहर 1:35 बजे पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार इस साल सिद्धि एवं रवि योग में विवाह पंचमी 28 नवंबर सोमवार को है। कुंवारी कन्या यदि पूरे मन से सीता राम की पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।