सरकारी जांच में बड़ा खुलासा : जनवरी से मार्च तक कोरोना पीड़ितों से लिए गए 97% सैंपल में मिला ओमिक्रॉन
देश की राजधानी दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर सरकारी आंकड़ों में बड़ा खुलासा हुआ है । सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच दिल्ली में कोरोना से मरने वालों के 97% सैंपल में कोरोनवायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया । कोरोना से मरने वालों से एकत्र किये गए 578 सैंपल के जीनोम सीक्वेंस से सामने आया है कि इनमें 560 में ओमाइक्रोन वेरिएंट था। वहीं, बाकी तीन फीसदी में डेल्टा सहित कोरोना के लक्षण थे।
कुल मिलाकर, मार्च में राजधानी में जीनोम सीक्वेंस लैब में विश्लेषण किए गए सभी 504 नमूनों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया। एक्स्पर्ट्स ने इसके लिए लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। अब एक बार फिर से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित इतनी गंभीर स्थिति में नहीं थे कि उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए। इस कारण अस्पताल में कम ही मरीजों की भर्ती हुई।
अस्पतालों में COVID-19 के 15,505 बेड में से अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) पर 17 जनवरी तक मरीज भर्ती थे। दूसरी लहर के दौरान, 6 मई को 21,839 बिस्तरों में से 20,117 (92 प्रतिशत)
बेड मरीजों से भर गए थे।दिल्ली में एक बार फिर कोरोना के संक्रमण में वृद्धि देखने को मिल रही है और एक्स्पर्ट्स ने इसका श्रेय लोगों की लापरवाही को दिया है, जो कोरोना से जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान कर दिया है।