Food Poisoning: बरसात के मौसम में हो सकती है फूड पॉइजनिंग, आज से ही बंद कर दें इन चीजों का सेवन"/>

Food Poisoning: बरसात के मौसम में हो सकती है फूड पॉइजनिंग, आज से ही बंद कर दें इन चीजों का सेवन

बाजार से खरीदकर लाए फलों और सब्जियों को खाने से पहले अच्छे से न धोया जाए या फिर किसी भी तरह की बाहर की चीजों का सेवन किया जाए, तो फूड पाॅइजनिंग का खतरा बना रहता है। ऐसे में बारिश के मौसम में हमें अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।

HIGHLIGHTS

  1. दूषित भोजन और पानी का सेवन बिल्कुल न करें।
  2. सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या आती है।
  3. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे बीमारियां होने लगती है।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Food Poisoning: वर्षा के दौरान पेट, आंत और लिवर की समस्याएं बढ़ने लगती है। इस मौसम में सभी प्रकार के वायरस, बैक्टीरिया अन्य कीटाणु की ग्रोथ तेजी से होती है। इसके लिए घर में सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। अगर हम सफाई का ध्यान न रखें, दूषित भोजन और पानी का सेवन करेंगे, तो ये बैक्टीरिया और वायरस पेट एवं आंत में जाकर फूड पॉइजनिंग की समस्या से ग्रसित कर देते हैं।

हो सकता है ये संक्रमण

हैजा व गैस्ट्रोइंटाइटिस की समस्या भी काॅमन है। गैस्ट्रो इंटाइटिस को डायरिया या स्टमक फ्लू कहा जाता है। सफाई का ध्यान न रखने पर पानी या भोजन के जरिए से नुकसानदायक बैक्टीरिया व्यक्ति की आंतों में पहुंचकर वहां सूजन पैदा करते हैं, जिससे पाचन-तंत्र के कार्यों में रुकावट पैदा होती है। इसी प्रकार वायरस लिवर पर आघात कर देता है। इससे होने वाले हेपेटाइटिस नामक लिवर संक्रमण हो जाता है।

सफाई का खास रखें ध्यान

वर्षा के मौसम में दूषित खानपान के कारण सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या सामने आती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं। इसके अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे बीमारियां भी होने लगती है। इसलिए लोगों को यह सलाह दी जाती है सफाई रखें। कहीं भी पानी जमा न होने दें। बीमारियों का खतरा ज्यादातर बुजुर्गों, छोटे बच्चों और कमजोर इम्युनिटी के लोगों में रहता है। डाॅक्टर की सलाह लेकर ही किसी प्रकार का इलाज शुरू करें। किसी भी प्रकार के लक्षणों को इग्नोर न करें। इससे समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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