उज्जैन में इस्कॉन की यात्रा में दिखेगा जगन्नाथ पुरी सा नजारा, पहली बार तीन रथ होंगे शामिल, रस्सियों से खीचेंगे भक्त
HIGHLIGHTS
- इस्कॉन मंदिर द्वारा निकाली जाएगी रथ यात्रा
- जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर निकलेगी रथ यात्रा
- देश-विदेश के कई भक्त यात्रा में होंगे शामिल
ISKCON Rath Yatra in Ujjain धर्म डेस्क, उज्जैन। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर 7 जुलाई को निकलने वाली इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा के दौरान उज्जैन में जगन्नाथ पुरी जैसा नजारा दिखाई देगा। इस्कॉन मंदिर प्रबंधन द्वारा पहली बार यात्रा में तीन रथ शामिल किए जाएंगे। भक्त रस्सियों की सहायता से भगवान के रथ खींचेंगे। बता दें अब तक भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ तथा सुभद्राजी को एक ही रथ पर विराजित कर यात्रा निकाली जाती थी।
इस्कॉन मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। परंपरा अनुसार दोपहर 3 बजे उज्जैन के बुधवारिया चौराहा से यात्रा का शुभारंभ होता है। इसके बाद भगवान जगन्नाथ का रथ शहर के प्रमुख मार्गों से होकर भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंचता है। यहां बसाई गई गुंडिचा नगरी में भगवान विराजित होते हैं तथा एक सप्ताह तक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
अभी तक जितनी भी रथ यात्रा निकली है, उनमें 20 फीट ऊंचे एक ही हाइड्रोलिक रथ पर भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ व देवी सुभद्राजी को विराजित किया जाता था। लेकिन इस बार तीन रथ बनवाए जा रहे हैं।
पुरी की जगन्नाथ यात्रा में तीन रथ की परंपरा
जगन्नाथपुरी में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ तथा देवी सुभद्राजी अलग-अलग रथ पर सवार होकर निकलते हैं। एक साथ तीन रथों के शामिल होने से यात्रा का स्वरूप भव्य रहता है। बताया जाता है पहली बार तीन रथों के साथ निकलने वाली इस्कॉन की रथ यात्रा भी भव्य स्वरूप लिए हुए होगी। इसमें देश-विदेश के कई भक्त शामिल होने आएंगे।
पुरी में तीन रथ यात्रा में होते हैं शामिल
यात्रा में शामिल होंगे तीन रथ
इस्कॉन मंदिर उज्जैन द्वारा निकाली जाने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में 7 जुलाई को पहली बार तीन रथ शामिल रहेंगे। मंदिर प्रबंधन द्वारा तीन भव्य रथ तैयार कराए जा रहे हैं। इस बार भक्तों को यात्रा के दौरान जगन्नाथ पुरी जैसी अनुभूति होगी। -राघव पंडित दास प्रभु, जनसंपर्क अधिकारी, इस्कॉन मंदिर