Jwala Devi Temple: एक ऐसा मंदिर जहां दिन-रात जलती है ज्वाला, बेहद निराला है ये देवी मंदिर
ज्वाला देवी मंदिर को बेहद ही कल्याणकारी माना जाता है। यह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले (Jwala Devi Temple Himachal) में कालीधार पहाड़ी के बीच में स्थित है। यह धाम देवी ज्वाला को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस देवी धाम में एक बार दर्शन करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है तो आइए इस पवित्र धाम की विशेषता के बारे में जानते हैं।
HIGHLIGHTS
- ज्वाला देवी मंदिर को बेहद ही कल्याणकारी माना जाता है।
- यह धाम देवी ज्वाला को समर्पित है।
- इस देवी धाम को ज्वालामुखी के नाम से भी जाना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में मां दुर्गा के अनेकों धाम हैं, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। उन्हीं में से एक ज्वाला देवी मंदिर है, जहां एक बार दर्शन से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले (Jwala Devi Temple Himachal) में कालीधार पहाड़ी के बीच में स्थित ज्वाला देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस देवी धाम को ज्वालामुखी के नाम से भी जाना जाता है। जहां की अग्नि आज तक शांत नहीं हुई है। ऐसा कहा जाता है कि कलयुग में ही इस मंदिर की ज्वाला शांत होगी, जो लोग देवी की कृपा प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें इस मंदिर में अवश्य जाना चाहिए, जिसकी महिमा अपने आप में बहुत विशाल है, तो आइए इसके महत्वपूर्ण और रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।
किसने करवाया था इस मंदिर का निर्माण? (Who Had Built This Temple?)
कांगड़ा में प्रसिद्ध ज्वालाजी मंदिर ज्वलंत मुख वाली देवी ज्वाला को समर्पित है। इस मंदिर को देवी-महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यवासिनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अंबिका और अंजी देवी के नाम पर नौ स्थायी ज्वालाओं का घर माना जाता है।