Darsh Amavasya 2024: दर्श अमावस्या का महत्व, नोट करें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त व दान की सामग्री

दर्श अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार पितरों की पूजा का विशेष दिन होता है। इस दिन लोग अपने पितरों को तर्पण अर्पित करते हैं और शांति व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा करते हैं। इसके साथ ही नदी में स्नान और दान की परंपरा होती है।

HIGHLIGHTS

  1. दर्श अमावस्या पितरों की पूजा का विशेष दिन है।
  2. इस दिन तर्पण अर्पित करके श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
  3. इस दिन नदी में स्नान और दान की परंपरा होती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। दर्श अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथी का विशेष दिन होता है। यह दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा का होता है। लोग अपने पितरों को तर्पण अर्पित करते हैं और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हैं। खासकर इस दिन नदी में स्नान करने और दान करने की परंपरा होती है। दर्श अमावस्या दिन लोग पितरों की शांति और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

कब मनाई जाएगी दर्श अमावस्या (Darsha Amavasya 2024 Kab Hai)

मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की 30 नवंबर 2024 को सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरुआत हो जाएगी। इसका समापन 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट हो जाएगा। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर को मनाई जाएगी। दर्श अमावस्या 30 नवंबर और 1 दिसंबर दोनों दिन मनाई जा रही है।

स्नान-दान और पूजन का शुभ मुहूर्त

स्नान-दान के लिए 1 दिसंबर को सुबह 11 बजे तक का शुभ मुहूर्त है। इससे पहले तक नदी में स्नान करने से शुभ परिणाम मिलेंगे। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 30 नवंबर को पूरा दिन श्राद्ध, तर्पण के लिए शुभ रहेगा। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।

इस दिन ये चीजें करें दान

दर्श अमावस्या के दिन तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गरम कपड़े, तिल के लड्डू, सोना, दाल, घी, भूमि, आटा, फल, आंवला, शक्कर, मिठाई, जूते, काले कपड़े आदि चीजों का दान करना चाहिए।

 

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