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Jyeshtha Amavasya 2024: शिववास समेत बेहद ही शुभ योगों में मनाई जाएगी ज्येष्ठ अमावस्या, प्राप्त होगा दोगुना फल

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

HIGHLIGHTS

  1. इस दिन सूर्य देव, भगवान विष्णु और महादेव की पूजा की जाती है।
  2. तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  3. ज्येष्ठ अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Jyeshtha Amavasya 2024: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष माना गया है। इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा, गायन, तप और दान जैसे कार्य किए जाते हैं। गंगा समेत पवित्र नदियों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। इस दिन सूर्य देव, भगवान विष्णु और महादेव की पूजा की जाती है।

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है। पितरों के आशीर्वाद से सुख, समृद्धि बनी रहती है और वंश में वृद्धि होती है। अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक, ज्येष्ठ अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है। इस योग में पितरों की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
 

ज्येष्ठ अमावस्या 2024

ज्योतिष गणना के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को है। ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 5 जून को शाम 7.54 बजे शुरू होगी और 6 जून को शाम 6.07 बजे समाप्त होगी। 6 जून को स्नान और दान किया जा सकता है।

शिववास योग

ज्योतिषियों के मुताबिक, ज्येष्ठ अमावस्या पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से विशेष कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन शिववास योग शाम 06:07 बजे तक रहेगा। उस समय तक भगवान शिव, माता गौरी के साथ कैलाश पर विराजमान रहेंगे।

धृति योग

ज्येष्ठ अमावस्या पर धृति योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का प्रशिक्षण रात्रि 10.09 बजे तक होगा। ज्योतिषी धृति योग को बहुत शुभ मानते हैं। इस योग में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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