Spiritual Story: आध्यात्मिक वक्ता चित्रलेखा ने सुनाई कहानी- ‘थर-थर कांप रहा था शेर और शांत खड़ी थी गाय’
इस कहानी का सार यह है कि हम इंसान के रूप में कितने भी ताकतवर और बड़े हो जाएं, लेकिन ईश्वर को नहीं भूलना चाहिए। जो लोग ईश्वर को अपना मालिक मानकर चलेंगे, उनकी परेशानियां अपने आप दूर हो जाएंगी।
HIGHLIGHTS
- कथावाचक चित्रलेखा ने प्रवचन में सुनाई कथा
- गाय और शेर, दोनों को नजर आ रही थी मौत
- गाय ने बताया, उसका मालिक जरूर आएगा
धर्म डेस्क, इंदौर(Spiritual Story)। सनातन धर्म में जातक कथाओं का विशेष महत्व है। इन कथाओं के माध्यम से लोगों को शिक्षा दी जाती है और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है। कथावाचक और आध्यात्मिक वक्ता चित्रलेखा ने अपने एक प्रवचन में ऐसी ही जातक कथा का वर्णन किया। आप भी पढ़िए।
एक गाय गांव से निकल जंगल में दूर चली गई। तभी एक शेर की नजर उस पर पड़ी और वह शिकार के लिए दौड़ा। जान बचाने के लिए गाय भी भागने लगी। भागते-भागते गाय एक तालाब में घुस गई, जहां भारी दलदल था। गाय तालाब के बीच में जाकर फंस गई। पीछे-पीछे तालाब में घुसा शेर भी फंस गया।