बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जयंती पर शेयर करें उनके ये 10 अनमोल विचार

नई दिल्ली. आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने पूरा जीवन दलितों, शोषितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। दलितों के मसीहा अंबेडकर महान चिंतक, समाज सुधारक, न्यायविद व अर्थशास्त्री भी थे।

डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आइए जानते हैं उनके कुछ विचार- 

1. जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।

2. धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए। मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

3. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता  का अंत होना चाहिए।

4. हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

5. इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।

6. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं।

7. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

8. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

9. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।

10. मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।

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