बच्चों को मोबाइल चलाने की आदत पड़ सकती है भारी, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम, जानें क्या कैसे करें बचाव
अधिक स्क्रीन टाइम न सिर्फ बच्चों को मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाता है। बल्कि उनके शारीरिक विकास को भी प्रभावित करता है।
HIGHLIGHTS
- अधिक स्क्रीन टाइम न सिर्फ बच्चों के लिए नुकसानदेह
- शारीरिक विकास को भी प्रभावित करता है
- मानसिक रूप से पहुंचाता है नुकसान
Mobile Addiction in Children हेल्थ डेस्क, इंदौर। आजकल छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी मोबाइल नजर आने लगा है। इसके अलावा वे टीवी भी खूब देखने लगे हैं। जिसके चलते बच्चों का स्क्रीन टाइम भी बहुत बढ़ गया है। हालांकि विशेषज्ञों का यही मानना है कि बच्चों के हाथ में मोबाइल या टैबलेट नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन बावजूद इसके पेरेंट्स बच्चों के हाथ में मोबाइल पकड़ा देते हैं, जो कि उनकी सेहत के लिए काफी हानिकारक है। इसके अलावा बच्चों का अधिकतर समय टीवी देखने में भी गुजरता है। बच्चों की स्पेशलिस्ट डॉ. सईद मुजाहिद अंसारी से समझते हैं बच्चों के लिए अधिक स्क्रीन टाइम कितना घातक है।
बच्चों के लिए कितना नुकसानदेह है स्क्रीन टाइम
- बच्चों का स्क्रीन टाइम अधिक होने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है इसके अलावा बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट में भी बाधा आती है।
- बच्चों को थकान कमजोरी जैसी समस्याएं भी होने लगती है। इसके अलावा अधिक मोबाइल चलाने से बच्चों की याददाश्त भी कमजोर हो जाती है
- स्क्रीन टाइम अधिक होने से बच्चे सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाते जिससे उनका सोशल सर्कल सीमित हो जाता है और उनके अधिक दोस्त भी नहीं बनते।
- अधिक स्क्रीन टाइम बच्चों की सोचने एवं समझने की क्षमता को भी काम करता है। ऐसे में बच्चों से जितना हो सके उन्हें स्क्रीन से दूर ही रखना चाहिए।
- स्क्रीन टाइम बच्चों के दिमागी स्वास्थ्य पर भी असर डालता है और उनके दिमाग की क्षमता कम हो जाती है।
- अधिक स्क्रीन टाइम से बच्चों की आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है और उन्हें नजर की समस्या हो सकती है।
- बच्चों को थकान कमजोरी जैसी समस्याएं भी होने लगती है। इसके अलावा अधिक मोबाइल चलाने से बच्चों की याददाश्त भी कमजोर हो जाती है
कैसे छुड़ाएं मोबाइल की लत?
बच्चों की स्क्रीन टाइम को घटाने के लिए उन्हें हमेशा मोबाइल और टीवी से दूर ही रखना चाहिए और बच्चों को इसके बारे में समझाइए भी देते रहना चाहिए। शुरुआत में आप बच्चों के स्क्रीन टाइम के समय को सीमित कर सकते हैं।