High Triglycerides Risk: ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स से बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें शरीर में क्या होना चाहिए इसका सही लेवल
HIGHLIGHTS
- Cholesterol हमारे शरीर में मोम जैसा एक वसायुक्त पदार्थ होता है।
- Cholesterol की अधिकता के कारण खून की धमनियों में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है।
- कोलेस्ट्रॉल का ही एक प्रकार Triglycerides होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है। एक अच्छा कोलेस्ट्रॉल होता है, जिसे HDL Cholesterol कहा जाता है, दूसरा खतरा कोलेस्ट्रॉल होता है, जिसके कारण हार्ट अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है, इसे LDL Cholesterol कहा जाता है। दरअसल Cholesterol हमारे शरीर में मोम जैसा एक वसायुक्त पदार्थ होता है, जिसकी अधिकता के कारण खून की धमनियों में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल का ही एक प्रकार Triglycerides होता है, जिसकी अधिकता के कारण हार्ट अटैक का खतरा बहुत अधिक बढ जाता है। Triglycerides क्या होता है और शरीर में इसका लेवल कितना होना चाहिए? इस बारे यहां विस्तार से जानकारी दे रहे हैं इंदौर के ख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिरुद्ध व्यास
जानें क्या होता है ट्राइग्लिसराइड्स
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिरुद्ध व्यास के मुताबिक, Triglycerides वसा का एक प्रकार है और जब शरीर को कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो Triglycerides का स्तर भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है। Triglycerides सामान्य तापमान पर पिघलता नहीं है। शरीर में यदि इसकी अधिकता हो जाती है तो धमनियों में यह जमा होने लगता है। हार्ट की नलियों में इसके जमाव के कारण ही ब्लॉकेज का खतरा होता है।
शरीर में कितना होना चाहिए Triglycerides
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिरुद्ध व्यास के मुताबिक, सामान्य तौर पर स्वस्थ शरीर में Triglycerides का लेवल 150 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यदि ट्राइग्लिसराइड का स्तर 400 से ज्यादा होता है तो ये हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसी स्थिति में तत्काल किसी कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाकर उचित इलाज लेना चाहिए।
Triglycerides कम करना है तो करें ये काम
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- ट्राइग्लिसराइड कम करने के लिए रोज 30 से 40 मिनट कार्डियो एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। शुरुआत में कार्डियो एक्सरसाइज ज्यादा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा रोज योगा व प्राणायाम करने से भी लाभ होता है।
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- कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। रोज ज्यादा से ज्यादा फाइबर फूड्स का सेवन ज्यादा करना चाहिए। ज्यादा फाइबर खाने पर यदि अपच या कब्ज की समस्या होती है तो सलाद को स्टीम करके या उबालकर खा सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट का संतुलित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। वसायुक्त भोजन से तौबा कर लेना चाहिए। शराब व धूम्रपान का नहीं करना चाहिए।
- लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने की जरूरत है। रोज 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेने के अलावा तनाव से बचना चाहिए। शाम को जल्दी खाना खाकर टहलने की आदत बना लेनी चाहिए।