Oral Disorder: गर्भावस्था से 3 माह पहले क्यों कराना चाहिए दांतों की जांच, जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
HIGHLIGHTS
- दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी से लेकर मुंह के कैंसर जैसी समस्याएं शामिल हैं।
- इससे बचाव के लिए लोगों को ओरल हेल्थ के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।
- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। खाने, बोलने, मुस्कुराने और भावनाओं को व्यक्त करने की जरूरत हमारे ओरल हाइजीन से प्रभावित होती है। आज के समय में लाखों लोग ओरल डिसआर्डर से पीड़ित हैं। इसमें दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी से लेकर मुंह के कैंसर जैसी समस्याएं शामिल हैं। इससे बचाव के लिए लोगों को ओरल हेल्थ के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। ओरल हेल्थ के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही है इंदौर स्थित शासकीय डेंटल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संध्या जैन।
ओरल हेल्थ को ऐसे पहचानें
ओरल हेल्थ ठीक है या खराब, इसे पहचानना भी बेहद जरूरी है। यदि सांसों से बदबू आ रही है, जीभ सफेद हो रही है, जीभ पर किसी तरह के जख्म दिख रहे हैं, मसूड़ों से खून आ रहा है, दांतों में सड़न या कैविटी बनी हुई है, दांतों में दर्द होना, मुंह में छाले हो जाना, मुंह में स्किन में किसी तरह का बदलाव दिखना जैसे लक्षण शामिल हैं।
गर्भावस्था में रखें इस बात का ध्यान
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं और इन हार्मोनल परिवर्तन के कारण मसूड़ों की कई समस्याएं बढ़ जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान दांतों का इलाज मुश्किल होता है, खासकर पहली बार की गर्भावस्था में, इसलिए गर्भावस्था से कम से कम तीन माह पहले दांतों की जांच और इलाज करवा लेना चाहिए ताकि कोई समस्या हो तो उसका समय पर पता लग सके और इलाज किया जा सकता है।
इन चीजों का न करें सेवन
ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक, काफी, अधिक चीनी वाला भोजन, शराब, पान मसाला, तंबाकू, खट्टी कैंडी, अधिक ठंडा फूड आदि के सेवन से बचना चाहिए। इन चीजों के सेवन से दांत व मसूड़े जड़ से कमजोर होते हैं।