Headache In Winter: सर्दियों में सिरदर्द से परेशान है तो रोज करें इन यौगिक क्रियाओं का अभ्यास
HIGHLIGHTS
- नेति एवं कुंजल माइग्रेन एवं सिर दर्द के उपचार के लिए दो आधारभूत हठ यौगिक क्रियाएं हैं।
- यदि इनका नियमित अभ्यास किया जाए तो माइग्रेन के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
- माइग्रेन की समस्या को दूर करने से लिए नेति और कुंजल क्रिया का अभ्यास 3 माह तक करना चाहिए।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। सिर दर्द ऐसा रोग है, जो छोटे से लेकर बड़ों तक को होता है। यह स्थाई और अस्थाई या आधे सिर में होने वाला माइग्रेन भी हो सकता है। सिरदर्द माथे में, कनपटी में, सिर के बीच वाले भाग में और सिर के पिछले भाग में होता है। यह कभी सामान्य तो कभी इतना तेज होता है कि असहनीय हो उठता है। सर्दियों में सिरदर्द कभी सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक चलता है। ऐसे में सर्दियों के दिनों में कुछ योगासन या यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कर आप सिर दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही है योग एक्सपर्ट अल्पना पांडेय।
नेति और कुंजल क्रिया
नेति एवं कुंजल माइग्रेन एवं सिर दर्द के उपचार के लिए दो आधारभूत हठ यौगिक क्रियाएं हैं। यदि इनका नियमित अभ्यास किया जाए तो माइग्रेन के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलती है। माइग्रेन की समस्या को दूर करने से लिए नेति और कुंजल क्रिया का अभ्यास 3 माह तक करना चाहिए। इसके अलावा सूर्य नमस्कार का भी अभ्यास करना चाहिए।
पवनमुक्तासन
मैट पर पीठ के बल लेट कर दोनों घुटनों को मोड़ कर छाती को तरफ खींचे। गर्दन उठा कर यथाशक्ति आसन में रुके रहें। यह आसन भी रोज करना चाहिए।
हलासन
मैट पर पीठ के बल लेट कर दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं। धीरे-धीरे पीछे झुकते हुए मैट पर रख दें आसन में कुछ देर रुकें। धीरे धीरे वापस आ जाएं।
योग मुद्रा
पद्मासन में बैठ कर दोनों हाथों को पीछे ले जाएं और कस कर पकड़ लें। धीरे धीरे सामने की ओर झुकें। आसन में कुछ देर रुकें।
सर्वांगासन
पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। दोनों हाथों से कमर को सहारा देते हुए कमर को भी ऊपर उठाएं। कंधे से पैर की उंगलियों तक शरीर एक सीध में रहे। आसन में रुके और धीरे से वापस आ जाएं।
प्राणायाम
कपालभाती, नाड़ी शोधन, अग्नि सार का अभ्यास मस्तिष्क को शांत कर देता है। प्राण का संचार सिर दर्द को भगाने में उपयोगी है।