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Hanuman Ji Puja Upay: कुंडली में कर्ज से संबंधित दोष है तो 21 मंगलवार तक करें उपाय

Hanuman Ji Puja Upay हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों को आर्थिक लाभ होने के साथ-साथ कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

HIGHLIGHTS

  1. 21 मंगलवार तक सुबह जल्दी स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए।
  2. हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा को आसन पर रखें और मंगलवार को व्रत का संकल्प लें।
  3. धूप दीप जलाकर पूजा आरंभ करनी चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। आज के भौतिकवादी युग में ऐसे बहुत कम लोग मिलेंगे तो जो किसी कर्ज के बोझ तले दबे न हो। अधिकांश लोगों पर ईएमआई का बोझ होता है। ऐसे में यदि आप भी अपना कर्ज का बोझ कम करना चाहते हैं और इस संकट को दूर करना चाहते हैं तो संकट मोचन भगवान हनुमान की आराधना जरूर करना चाहिए। पौराणिक मान्यता भी है कि भगवान हनुमान हर संकट से मुक्ति दिलाने वाले देवता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, ऋण मुक्ति के लिए महाबली हनुमान से जुड़े ये उपाय जरूर करना चाहिए।

 

21 मंगलवार हनुमान जी पूजा

हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए 21 मंगलवार तक हनुमान मंदिर में पूजा करना चाहिए और मंगलवार का व्रत रखना चाहिए। ऐसे करने से कर्ज का बोझ जल्द दूर हो जाता है। मंगलवार को हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का भी पाठ करना चाहिए।

 

 
 

मंगलवार को ऐसे करें हनुमान जी की पूजा

21 मंगलवार तक सुबह जल्दी स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। हनुमान जी की मूर्ति या प्रतिमा को आसन पर रखें और मंगलवार को व्रत का संकल्प लें। इसके बाद धूप दीप जलाकर पूजा आरंभ करनी चाहिए। पूजा के दौरान हनुमान जी को लाल रंग के फूल, वस्त्र, सिन्दूर आदि भी चढ़ाना चाहिए। पूजा के बाद आखिर में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी को गुड़-चने का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों को आर्थिक लाभ होने के साथ-साथ कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

डिसक्लेमर

 

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

 

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