Shatavari For Weight Gain: दुबले लोग ऐसे करें शतावरी का सेवन, तेजी से बढ़ेगा वजन
HIGHLIGHTS
- शतावरी एक इम्यून बूस्टर के रूप में कार्य करता है।
- शतावरी के मूल अर्क का सेवन करने से काली खांसी की समस्या दूर होती है।
- यह शरीर में काली खांसी के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण करती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। आयुर्वेद में शतावरी को एक कारगर औषधि के रूप में बताया गया है। यह कई महत्वपूर्ण रोगों के इलाज में उपयोग में लाई जाती है। शतावरी एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है। शतावरी को गोली या पाउडर के रूप में सेवन किया जाता है। इंदौर स्थित अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. अखिलेश भार्गव यहां शतावरी के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
शतावरी एक इम्यून बूस्टर के रूप में कार्य करता है। शतावरी के मूल अर्क का सेवन करने से काली खांसी की समस्या दूर होती है। यह शरीर में काली खांसी के प्रति एंटीबॉडी का निर्माण करती है।
दस्त से छुटकारा
यदि किसी व्यक्ति को लगातार दस्त की समस्या बनी रहती है तो उसके लिए भी शतावरी रामबाण दवा का काम करती है। यह शरीर में निर्जलीकरण जैसी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं को नियंत्रित करती है।
गैस्ट्रिक अल्सर का इलाज
अल्सर बेहद गंभीर और दर्दनाक स्वास्थ्य समस्या है। यह पेट की आंतों से जुड़ी हुई समस्या है और इसके इलाज में शतावरी का उपयोग करना बहुत अधिक फायदेमंद होता है। यह दर्द करने से साथ पेट की आंतों में सूजन को कम करता है।
शुगर कंट्रोल करने में मददगार
ब्लड शुगर या मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए शतावरी दवा के समान काम करती है। टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए यह एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, जो इंसुलिन बनाने में मददगार होती है।
तेज से बढ़ता है शरीर का वजन
यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक दुबला है और उसका वजन नहीं बढ़ रहा है तो उसे दूध के साथ शतावरी का सेवन करना चाहिए। इससे पाचन में सुधार होता है और सीने में जलन, अपच, ब्रोंकाइटिस, कब्ज की समस्या दूर होती है। इसके अलावा मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के जुड़ी समस्या भी दूर होती है।