Chhattisgarh Election 2023: कका भूपेश के सामने भतीजा विजय, रमन को टक्कर देंगे गिरीश, जानें हाइप्रोफाइल सीटों का समीकरण
Chhattisgarh Election 2023: विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत और भाजपा के खिलावन साहू चुनावी मैदान पर होंगे। कवर्धा में मंत्री मो. अकबर और विजय शर्मा के बीच मुकाबला होगा।
HIGHLIGHTS
- पाटन से सातवीं बार प्रत्याशी बनाए गए सीएम भूपेश बघेल
- आरंग सीट पर भाजपा के गुरु खुशवंत सिंह साहेब व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के बीच होगा मुकाबला
- नवागढ़ से पुर्व मंत्री दयालदास व पीएचई मंत्री रुद्र कुमार होंगे आमने-सामने
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh Election 2023: विधानसभा चुनाव 2023 के इस महासमर में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों की हाइप्रोफाइल सीटों पर सबकी नजर टिकी हुई है। यहां हर सीटों पर मुकाबला रोचक व दिलचस्प होने की उम्मीद हैं। भाजपा की सूची के बाद कांग्रेस की सूची का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था।
भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में अपनी पहली सूची में 21 और दूसरी सूची में 64 उम्मीदवारों समेत 85 के नाम जारी किए। कांग्रेस ने जिन 30 सीटों पर नाम जारी किए हैं, वह सभी सीट हाइप्रोफाइल है, जिसमें कद्दावर मंत्रियों की टिकटें सुरक्षित रखी गई है। कुल मिलाकर इन सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने उनके रिश्ते के भतीजे सांसद विजय बघेल का मुकाबला तय हो गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के सामने प्रदेश कांग्रेस के महासचिव गिरीश देवांगन को उतारा गया है। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत और भाजपा के खिलावन साहू चुनावी मैदान पर होंगे। कवर्धा में मंत्री मो. अकबर और विजय शर्मा के बीच मुकाबला होगा।
इन सीटों पर सबकी नजर
1. पाटन : एक दूसरे के खिलाफ जीते हैं कका और भतीजा
पाटन को भूपेश का गढ़ माना जाता है। यहां उन्होंने तीन बार चुनाव जीता है। 2013 में भतीजे विजय को उन्होंने मात दी थी। इस बार दोनों आमने-सामने हैं। 2003 में विजय ने भूपेश को हराया था। भूपेशको दुर्ग जिला ग्रामीण युवक कांग्रेस का अध्यक्ष रहते 1993 में पाटन से पहली बार टिकट दिया गया था। इस चुनाव में तत्कालीन भाजपा विधायक कैलाश शर्मा को शिकस्त दी थी। 2018 में भूपेश ने भाजपा के मोतीलाल साहू को 27,477 वोटों से हराया। भाजपा ने चुनावी दांव खेलते हुए मुख्यमंत्री के सामने सांसद विजय को यहां चुनावी मैदान पर उतारा है। दोनों नेताओं का यहां अपना जनाधार है। पाटन में 2,16,661 मतदाताओं में 1,09,086 महिला और 1,07,574 पुरुष मतदाता हैं। यहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक हैं।
2. आरंग : डहरिया के सामने सतनामी समाज का चेहरा
आरंग सीट पर भाजपा ने सतनामी समाज के धर्म गुरु बालदास साहेब के पुत्र व गुरु खुशवंत सिंह साहेब को प्रत्याशी बनाया है। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया क्षेत्र के विधायक हैं। कांंग्रेस ने उन्हें दोबारा जिम्मेदारी सौंपी है। इस सीट पर सतनामी समाज के दो प्रत्याशियों के बीच मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में शिव डहरिया ने भाजपा नेता संजय ढीढी पर 25,077 वोटों से जीत दर्ज की थी।
3. कवर्धा : अकबर और विजय शर्मा के बीच मुकाबला
मो. अकबर ने 2018 के चुनाव में प्रतिद्वंदी भाजपा के अशोक साहू को 59,284 मतों से करारी मात दी थी। इस बार भाजपा ने यहां प्रदेश महामंत्री व भाजयुमो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष विजय शर्मा को टिकट दी है। कांग्रेस से एक बार फिर कवर्धा से मो. अकबर को जीत की जिम्मेदारी सौंपी है, वही भाजपा ने जीत की तलाश में इस सीट पर प्रत्याशी बदल दिया है।
4. कोंटा : दो आदिवासी नेता होंगे आमने-सामने
कोंटा में दो आदिवासी नेता आमने-सामने होंगे। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कोंटा सीट से पिछले चुुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी धनीराम बरसे को हराया था। इस बार भाजपा ने यहां आदिवासी नेता व भाजपा अजजा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सोयम मुका का नाम जारी किया है। दोनों आदिवासी नेता क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते हैं।
5. दुर्ग ग्रामीण : ताम्रध्वज साहू के सामने ललित चंद्राकर
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के सामने भाजपा के ललित चंद्राकर चुनावी मैदान पर होंगे। भाजपा के जिला महामंत्री ललित इससे पहले विधानसभा चुनाव में दावेदारी पेश करते आ रहे हैं। वे पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के दिग्गज नेता ताम्रध्वज साहू ने 2018 में इस सीट पर भाजपा के जागेश्वर साहू को 27,112 वोटों से मात दी थी।
6. सक्ती : विधानसभा अध्यक्ष के सामने युवा नेता
विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के सामने भाजपा ने युवा नेता डा. खिलावन साहू को उतारा है। भाजपा ने यहां कांग्रेस के बड़े चेहरे के खिलाफ नए प्रत्याशी को मौका दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां डा. चरणदास महंत ने भाजपा के मेधा राम साहू को बड़े अंतर से हराया था। इस विधानसभा में 25 साल ओबीसी प्रत्याशी ही बाजी मार रहे हैं।
7. कोंडागांव : पूर्व मंत्री उसेंडी और मोहन मरकाम
कोंडागांव सीट पर 2013 और 2018 से कांग्रेस को जीत मिलती आ रही है। यहां 2008 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। मंत्री मोहन मरकाम और भाजपा की पूर्व मंत्री लता उसेंडी के बीच मुकाबला होगा। 2018 में हारने के बाद भी भाजपा ने लता उसेंडी पर भरोसा जताया है। वजह यह है कि काफी कम अंतर यानि मरकाम ने 1,798 वोटों से लता उसेंडी को हराया था।
8. नवागढ़ : मंत्री की सीट बदली
पीएचई मंत्री व सतनामी समाज के गुरू रुद्र कुमार की सीट इस बार बदली गई है। अहिवारा के स्थान पर अब नवागढ़ से चुनावी मैदान पर होंगे। पिछले चुनाव में उन्होंने राजमहंत को 31,687 वोटों से मात दी थी। इस बार नवागढ़ में भाजपा ने पिछले चुनाव में हार का सामने कर चुके पूर्व विधायक दयालदाल बघेल को दोबारा मौका दिया है।
9. चित्रकोट : चित्रकोट जीतना भाजपा के लिए चुनौती
2003 में केशलूर विधानसभा, 2008 से चित्रकोट विधानसभा के नाम से जाना जाता है। पिछले चुनाव में दीपक बैज ने यहां भाजपा के लच्छूराम कश्यप को 17,770 वोटों से हराया था। पिछले 10 वर्षों से यहां कांग्रेस का कब्जा है। अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज के सामने यहां भाजपा के विनायक गोयल चुनावी मैदान पर होंगे।