Earthquake Prediction Viral: डच रिसर्चर ने पहले ही कहा था, आज आएगा भयानक भूकंप, क्या सच हो गई ‘भविष्यवाणी’

HIGHLIGHTS

  1. दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं।
  2. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है।
  3. डच शोधकर्ताओं के एक दल ने भूकंप आने से पहले भी आज पाकिस्तान में भयावह भूकंप आने की ‘भविष्यवाणी’ की थी।

एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है। भूकंप की खबरों के साथ ही सोशल मीडिया पर एक ऐसा संदेश वायरल हो रहा है, जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल है। दरअसल डच शोधकर्ताओं के एक दल ने भूकंप आने से पहले भी आज पाकिस्तान में भयावह भूकंप आने की ‘भविष्यवाणी’ की थी।

डच शोध संगठन की रिपोर्ट

समाचार एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी है कि एक डच शोध संगठन की चेतावनी जारी की थी कि पाकिस्तान में जल्द ही एक मजबूत भूकंप आ सकता है। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के हवाले से पाक अधिकारी ने कहा था कि शोध संगठन की इस चेतावनी को गंभीरता से ले रहे हैं। इसके अलावा ईरान की मीडिया रिपोर्ट में भी भूकंप की भविष्यवाणी को लेकर खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी और अधिकारी अलर्ट मोड में आ गए थे।

अतीत के आधार पर पूर्वानुमान

डॉन के मुताबिक, नीदरलैंड के सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGS) ने बलूचिस्तान में चमन फॉल्ट लाइन पर एक भयावह भूकंप आने की चेतावनी जारी की थी। एसएसजीएस के एक शोधकर्ता और भूकंप विज्ञानी फ्रैंक हूगरबीट्स से जब सोशल मीडिया पर इस संबंध में सवाल पूछे गए थे, तो उन्होंने कहा कि हमने अतीत में आए भूकंप के आधार पर पूर्वानुमान लगाया है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि 30 सितंबर को हमने कुछ वायुमंडलीय उतार-चढ़ाव दर्ज किए थे, जिसमें पाकिस्तान के कुछ हिस्से और उसके आसपास के हिस्से शामिल थे। इससे इन इलाकों में भूकंप के तेज झटके आने की भविष्यवाणी की थी।

48 घंटे में भूकंप आने की भविष्यवाणी

डच शोधकर्ता हुगरबीट्स ने भविष्यवाणी की थी कि अगले 48 घंटों में पाकिस्तान में 6 या उससे अधिक रिक्टर तीव्रता वाला एक बड़ा भूकंप आने की आशंका है। हूगरबीट्स ने यह अनुमान 29 सितंबर को जारी किया था। इससे पहले हुगरबीट्स ने फरवरी में तुर्की और सीरिया में एक महत्वपूर्ण भूकंप की चेतावनी दी थी और उस महीने के अंत में 7.8 तीव्रता के भूकंप में 50,000 से अधिक लोग मारे गए थे।

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