बंद का दिख रहा है असर, बंगाल में झड़प, हरियाणा में बस सेवा प्रभावित, रेलवे ट्रैक ब्लॉक

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सोमवार व मंगलवार को आम हड़ताल का आह्वान किया गया है जिसका असर नजर आने लगा है. इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, एक्टू सहित अन्य श्रमिक संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की तैयारी की है. बंद का असर पश्चिम बंगाल, केरल समेत कुछ राज्यों में दिखने लगा है. हावड़ा में कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर बंद करा रहे हैं.

हरियाणा में दिखने लगा असर

हरियाणा की बात करें तो यहां हड़ताल के चलते 3000 बसों की रफ्तार थम गई हैं. हरियाणा में कई मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी लंबे वक्त से संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और निजीकरण के खिलाफ बंद आज का बंद बुलाया गया है. हरियाणा में कर्मचारियों ने बंद का पूरा समर्थन किया है.

रेलवे ट्रैक ब्लॉक

पश्चिम बंगाल में ट्रेड यूनियनों ने सरकारी नीतियों के विरोध में आज और कल राष्ट्रव्यापी हड़ताल तथा बंद का आह्वान किया है. इसके मद्देनज़र प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता में जादवपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को ब्लॉक किया.

केरल में दिखने लगा असर

केरल में ट्रेड यूनियनों ने सरकारी नीतियों के विरोध में आज और कल राष्ट्रव्यापी हड़ताल तथा बंद का आह्वान किया है. कुछ तस्‍वीरें तिरुवनंतपुरम से सामने आईं हैं जिसमें बंद का असर नजर आ रहा है. एक शख्‍स ने बताया कि हड़ताल और बंद के आह्वान से मुझे अपने ऑफिस जाने में दिक्कत हो रही है.

पुलिस के साथ झड़प

12 सूत्री मांग को लेकर आम हड़ताल के मद्देनजर पश्चिम बर्दवान जिले के पानागढ़ में सोमवार सुबह सीपीएम द्वारा चल रहे यात्री बसों को रोकने की कोशिश की गई. बस के समक्ष ही सीपीएम कार्यकताओं ने सड़क पर लेटकर अवरोध उत्पन्न किया जिसके बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.

डिशा में भारत बंद का असर

ओडिशा में ट्रेड यूनियनों ने सरकारी नीतियों के विरोध में आज और कल राष्ट्रव्यापी हड़ताल तथा बंद का आह्वान किया जिसका असर राजधानी भुवनेश्वर में नजर आ रहा है.

भारत बंद: मशाल जुलूस

रविवार की शाम में इसे सफल बनाने के लिए देश के कई राज्‍यों में मशाल जुलूस निकाला गया. इसमें सभी ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं हो रहा है. मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि सभी सेक्टर को मिलाकर 60 लाख से अधिक कामगार हड़ताल पर रहेंगे. कोयला, इस्पात, कॉपर, बॉक्साइट और माइका सेक्टर में कार्यरत चार लाख से ज्यादा मजदूर हड़ताल पर रहेंगे. इससे बैंक, इंश्योरेंस, पोस्टल और आरएमएस की सेवाएं प्रभावित होगी. राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है.

भारत बंद 2022: बैंकों पर असर

बैंकों के निजीकरण सहित अन्य सरकारी फैसलों के विरोध में विभिन्न कर्मचारी यूनियन की हड़ताल पर हैं जिसका असर बैंकों के कामकाज पर पड़ेगा. जानकारी के अनुसार 28-29 मार्च को विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.

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