Health Tips: पाली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से बचाव के लिए महिलाएं नियमित करें व्यायाम
HIGHLIGHTS
- अस्वस्थ जीवनशैली, खानपान में लापरवाही, सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन होते हैं पीसीओएस के कारण।
- पीसीओएस एक मेटाबालिक डिसआर्डर है, इससे पीड़ित महिला के शरीर में एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है।
- समय पर इलाज न हो तो कई मामलों में यह ब्रेस्ट और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी समस्याओं में भी बदल सकता है।
Health Tips: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पीसीओएस (पाली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। जिसका प्रमुख कारण हार्मोन में असंतुलन है। पीसीओएस एक मेटाबालिक डिसआर्डर है, इससे पीड़ित महिला के शरीर में एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। लंबे समय से पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. नम्रता कछारा का कहना है कि अस्वस्थ जीवनशैली, खानपान में लापरवाही, शारीरिक गतिविधि की कमी, अनुवांशिक कारण, शरीर में इंसुलिन की मात्रा की अधिकता, सिगरेट और शराब का अत्यधिक सेवन करना पीसीओएस के मुख्य कारण माने जाते हैं।
समय पर इलाज शुरू हो तो बच सकते हैं कई समस्याओं से
अगर पीसीओएस की समस्या को समय रहते पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो भविष्य में होने वाली गंभीर समस्या जैसे बांझपन, गर्भपात या समय से पहले जन्म, गर्भाशय से असामान्य रक्तस्राव, चिंता या अवसाद, टाइप टू डायबिटीज या प्रीडायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, गर्भकालीन मधुमेह प्री- एक्लेमप्सिया से बचा सकता है। अन्यथा कई मामलों में यह ब्रेस्ट कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसी समस्याओं में भी बदल सकता है।
ये होते हैं लक्षण
अनियमित पीरियड्स, शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना, बाल झड़ना, वजन बढ़ना, मुहांसे आना, बांझपन की शिकायत होना, तैलीय त्वचा होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, दूसरे हार्मोन में असंतुलन होना, नींद नहीं आना, थकान महसूस करना, सिर में दर्द होना, मूड में अचानक बदलाव नजर आ रहे हैं। तो यह पीसीओएस के लक्षण हो सकते हैं।