Eating Habits: अधिकांश बीमारियों से बचाव के लिए मोटे अनाज का करें सेवन
Eating Habits: बिगड़ते खानपान के कारण कई गंभीर बीमारियां अब कम उम्र में ही चपेट में ले रही है, लेकिन इसके बाद भी लोग अपने खानपान पर नियंत्रण नहीं रखते हैं। अव्यस्थित खानपान के कारण कम उम्र में ही बच्चे मोटापा का शिकार हो रहे हैं। वह अब बच्चे भी घरों से ज्यादा बाहर का जंक फूड खाना पसंद करने लगे हैं। ऐसे में स्वजन को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को हम बचपन से ही खानपान को लेकर भी संस्कार दें।
इसमें यह बताएं कि सेहत के लिए क्या खाना सही है और क्या खाना गलत है। यदि हम बीमारियों से बचना चाहते हैं तो हमें मोटे अनाज का सेवन करना चाहिए। मोटे अनाज से हम इडली, उपमा, डोसा, ठोकला, दलिया, पराठे आदि चीजें बना सकते हैं।
यह बात नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में बुधवार को पोषण विशेषज्ञ प्रेरणा पावेचा ने कहीं। वे बेहतर सेहत के लिए खानपान का कैसे रखें ध्यान विषय पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रही थी। साथ ही बताया कि हमें सुबह का खाना 11 के पहले और रात का खाना शाम छह बजे के पहले खा लेना चाहिए। वहीं बारिश के मौसम में हमें खानपान का विशेष तौर पर ध्यान रखने की आवश्यकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हमेशा रात को दही खाने से बचना चाहिए। हम दिन में भी दही खा रहे हैं तो ध्यान रखें कि फ्रिज में रखा दही नहीं खाए। हमेशा ताजा दही खाएं। वहीं रात के बजाय हम शाम को दही का सेवन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर देखकर कभी कोई डाइट नहीं अपनाना चाहिए। इससे बीमारी बढ़ भी सकती है। लकवाग्रस्त मरीज को विशेषज्ञों द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही भोजन देना चाहिए।
डायबिटीज के मरीजों को खजूर, किशमिश का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं काजू-बादाम भी पानी में भीगोकर ही खाना चाहिए। 60 ग्राम फल सुबह और 60 ग्राम फल दोपहर में खाने चाहिए। वहीं कच्ची घानी तेल का सेवन करना चाहिए।