Chandrayaan-3 Moon Landing: पहले पाकिस्तान ने उड़ाया था मजाक, अब लाइव दिखाएगा चंद्रयान-3 की लैंडिंग"/>

Chandrayaan-3 Moon Landing: पहले पाकिस्तान ने उड़ाया था मजाक, अब लाइव दिखाएगा चंद्रयान-3 की लैंडिंग

HighLights

  • पूर्व मंत्री फवाद हुसैन चौधरी ने की चंद्रयान -3 की प्रशंसा
  • मानव जाति के लिए बताया ऐतिहासिक क्षण
  • पाकिस्तान के लोग भी देख पाएंगे सीधाप्रसारण

इस्लामाबाद: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का लैंडर मॉड्यूल बुधवार यानी आज शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। चंद्रयान-3 पर भारत समेत दुनिया भर की नजर है। सभी को उस छण का इंतजार है. जब विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) करेगा। पाकिस्तान (Pakistan) भी भारत के इस मिशन पर नजर बनाए हुए है। चंद्रयान-2 मिशन की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हुसैन चौधरी ने इसरो के चंद्रयान-3 की प्रशंसा की है।

पाकिस्तान में Live प्रसारण

फवाद हुसैन ने इसे “मानव जाति के लिए एक ऐतिहासिक क्षण” बताया है। पाकिस्तान के पूर्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने अपने देश में बुधवार शाम को चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग को Live दिखाने के लिए कहा है।

 

पाक के पूर्व मंत्री ने दी बधाई

हुसैन ने मंगलवार को बधाई देते हुए एक्स (Twitter) पर लिखा, “पाक मीडिया को कल शाम 6:15 बजे चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग को लाइव दिखाना चाहिए। मानव जाति के लिए ऐतिहासिक क्षण, विशेष रूप से भारत के लोगों, वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष समुदाय के लिए।”

चंद्रयान -2 मिशन को बताया था फिजूल

हुसैन ने भारत के पिछले मून मिशन की आलोचना की थी। 2019 में इसरो के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद फवाद ने हैशटैग “इंडिया फेल्ड” लिखते हुए सरकार द्वारा चंद्रयान -2 मिशन पर 900 करोड़ रुपये खर्च पर सवाल उठाया था और कहा था कि किसी अज्ञात क्षेत्र में उद्यम करना नासमझी थी।

चंद्रयान-3 मिशन

अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अपने यान पहुंच सकते हैं। भारत ने 14 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चांद के लिए रवाना किया था। विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग होती है तो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश होगा। वैज्ञानिकों ने विक्रम लैंडर के 14 दिन तक सक्रिय रहने की उम्मीद जताई है।
मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र, पानी की बर्फ या जमे हुए पानी वाला क्षेत्र है, जो भविष्य के चंद्रमा मिशन या अधिक स्थायी चंद्रमा कॉलोनी के लिए ऑक्सीजन, ईंधन और पानी का स्रोत हो सकता है।

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