‘भारत जोड़ो’ से हटकर प्रचार क्यों करेंगे राहुल? 6 कारण
नई दिल्ली. गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें शामिल पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम चर्चा में है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश चुनाव की सूची में भी उनका नाम था, लेकिन वह प्रचार करने नहीं पहुंच सके थे। अब खबर है कि वह गुजरात में पार्टी के प्रचार के लिए जाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि वायनाड सांसद ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के बीच गुजरात क्यों पहुंचेंगे। जबकि, वह हिमाचल से दूर रहे थे?
इसके 6 संभावित कारण नजर आते हैं-
यात्रा का फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल और उनके सलाहकारों को लगता है कि भारत जोड़ो यात्रा का असर पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर कर सकता है। साल 2017 के चुनाव में राहुल ने हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकुर और जिग्नेश मेवाणी के साथ यात्रा की थी और पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि, इस बार दो नेता (हार्दिक और अल्पेश) और यात्रा की गैरमौजूदगी, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा का असर कांग्रेस की मदद कर सकता है।
AAP का मुकाबला
गुजरात चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से सियासी रण त्रिकोणीय रूप लेता नजर आ रहा है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि राज्य में आप रफ्तार खो रही है। मौजूदा सियासी हाल में कांग्रेस के लिए आप सबसे बड़ा खतरा बन रही है और पार्टी को अहसास है कि अभी नहीं तो कभी नहीं और राहुल आप का मुकाबला कर सकते हैं।
अहमद पटेल की कमी
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस बगैर अहमद पटेल के मैदान में है। पटेल का निधन कोरोनावायरस के चलते हो गया था। कहा जा रहा है कि कांग्रेस पटेल की तरफ से बनाई जाने वाली रणनीतियों की कमी का सामना कर रही है। हालांकि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पार्टी का मोर्चा संभाला है।
गढ़ बचाने की चुनौती
जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में अच्छा असर है। ऐसे में पार्टी अपने गढ़ों को खोना नहीं चाहती। इसलिए राहुल से मैदान में उतरने का अनुरोध किया गया है।
राहुल की गैरमौजूदगी से नुकसान
गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृहराज्य है। अब राहुल गांधी लंबे समय से लगातार पीएम पर निशाना साधते रहे हैं। इधर, पीएम खुद भाजपा को लगातार 7वीं जीत दिलाने के लिए मैदान में हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि गुजरात से राहुल की गैरमौजूदगी से गलत संदेश जाएगा।
राहुल के सामने दो चुनौतियां
खबरों के अनुसार, राहुल और उनके सलाहकारों को लगता है कि यात्रा के बीच भाजपा के गढ़ में आकर प्रचार करने से संदेश जाएगा कि वह पीएम मोदी से भिड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि, यहां भी उनके सामने दो चुनौतियां होंगी। पहली, कांग्रेस की अच्छी जीत सुनिश्चित हो सके। दूसरा, आप को बढ़ने से रोका जा सके।