Pakistan News LIVE: आज पीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं शहबाज शरीफ, इमरान खान के चुनाव लड़ने पर 5 साल की रोक

HighLights

  • पाकिस्तान की सियासत के लिए अहम दिन
  • 12 अगस्त को पूरा हो रहा नेशनल असेंबली का कार्यकाल
  • सबसे बड़ा सवाल, क्या वक्त पर हो पाएंगे आम चुनाव

इस्लामाबाद (Pakistan Political News): पाकिस्तान में सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। ताजा खबर यह है कि पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) के चुनाव लड़ने पर पांच साल की रोक लगा दी गई है। वहीं मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

Pakistan की सियासत के लिए आज का दिन अहम
पाकिस्तान में राजनीति के लिहाज से आज का दिन बेहद अहम होने जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान में मौजूदा केंद्र सरकार का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले ही प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा नेशनल असेंबली को 9 अगस्त को भंग किए जाने की संभावना है।

 

अपना इस्तीफा देते हुए शहबाज शरीफ यह सिफारिश राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजेंगे। यदि राष्ट्रपति ऐसा नहीं करते हैं तो 48 घंटों के भीतर विधानसभा अपने-आप भंग हो जाएगी। इस स्थिति में पाकिस्तान चुनाव आयोग को इलेक्शन के लिए 90 दिनों का वक्त मिल जाएगा।
बता दें, आरिफ अल्वी, इमरान खान की पार्टी PTI के पूर्व नेता हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ सरकार के उनके टकराव की आशंका बनी हुई है।

क्या समय पर हो पाएंगे चुनाव?

यदि नेशनल असेंबली अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लेती है, तो चुनाव आयोग 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने के लिए बाध्य होगा। बहरहाल, चुनाव आयोग के लिए 90 दिन भी पर्याप्त नहीं होंगे, क्योंकि नई जनगणना का पेंच फंसा है। चुनाव पर काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स की मंजूरी जरूरी है।

क्या खत्म हो गया इमरान खान का सियासी करियर

इससे पहले पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व पीएम इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
पाकिस्तान में कानूनों के मुताबिक, दोषी व्यक्ति चुनाव आयोग द्वारा परिभाषित अवधि (अधिकतम पांच साल तक) के लिए सार्वजनिक पद पर नहीं रह सकता है।
इमरान खान को शनिवार को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई। उन्हें उनके लाहौर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया और इस्लामाबाद के पास एक जेल में ले जाया गया था।
इमरान खान पर 2018 से 2022 तक उनके कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री के रूप में मिले उपहार बेचने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था।

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