नवजात के होंठ फटे हाें तो तीन माह, तालू कटे हों तो नौ माह में आपरेशन जरूरी

कटे फटे होंठ व तालू की जन्मजात विकृति का शिकार नवजात शिशुओं के लिए प्लास्टिक सर्जरी वरदान से कम नहीं है। इससे न सिर्फ जन्मजात विकृति दूर की जा सकती है बल्कि शिशु के संपूर्ण विकास में लाभदायक है। समय रहते आपरेशन कराना शिशु के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। कटे फटे होंठ के आपरेशन शिशु के जन्म से तीन माह में तथा तालू के आपरेशन नौ माह में करा लेना चाहिए। तीन माह में शिशु का आपरेशन तब संभव रहता है जबकि उसका वजन कम से कम पांच किलोग्राम हो। उक्त बातें कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जन डा. जलज शिवहरे ने नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में कही।

कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जन का मतलब यह नहीं कि विशेषज्ञ हर मर्ज का आपरेशन कर दें

जबलपुर समेत कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, बालाघाट, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, मंडला, डिंडौरी आदि जिलों के पाठकों ने कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी से संबंधित कई सवाल पूछे। डा. शिवहरे ने फोन पर चर्चा करते हुए पाठकों की शंका का समाधान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जन का मतलब यह नहीं कि विशेषज्ञ हर मर्ज का आपरेशन कर दें। संबंधित तमाम बीमारियाें का उपचार दवा से संभव है।

यह है प्लास्टिक व कास्मेटिक सर्जरी

डा. शिवहरे ने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी तमाम मरीजों के लिए वरदान सिद्ध हुई है। इसके माध्यम से जन्मजात दोष के कारण कटे होंठ व तालू, जुड़ी हुई अंगुलियां, पैदाइशी निशान या कैंसर सर्जरी के पश्चात चेहरा, स्तन व शरीर के अन्य हिस्सों एवं गंभीर रूप से जले हुए रोगियों की त्वचा को ठीक किया जा सकता है। साथ ही, दुर्घटना के उपरांत कटी अंगुलियां, कटे हुए हाथ को माइक्रोवस्कुलर सर्जरी से जोड़ने के लिए व अन्य चोटों को ठीक करने के लिए यह सर्जरी कारगर है। प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने में भी हो रहा है, जिसे कॉस्मेटिक सर्जरी का नाम दिया गया है।

विकृतियों के निवारण में प्लास्टिक व कास्मेटिक सर्जरी की भूमिका महत्वपूर्ण

नाक, चेहरा, गाल, कान, ठुड्डी, होंठ और ब्रेस्ट को परफेक्ट शेप दिया जा रहा है। कैंसर के कारण सर्जरी होने के बाद भी ब्रेस्ट पहले जैसा किया जा सकता है। बाल से लेकर नाखून तक से संबंधित ब्याधियों, विकृतियों के निवारण में प्लास्टिक व कास्मेटिक सर्जरी की भूमिका महत्वपूर्ण है। जननांग विकसित न होने सहित तमाम जन्मजात विकृतियों का निवारण किया जा रहा है।

जन्मजात समस्याएं, समय रहते इनका निवारण करा लेना चाहिए

डा. शिवहरे ने बताया कि कई बच्चे अंगों की जन्मजात विकृति के साथ जन्म लेते हैं। कान का नहीं बना होना, कटे फटे होंठ व तालू, कान नाक का छेद छोटा होना, अंगुलियों का चिपका होना जन्मजात विकृतियां हैं। समय रहते इनका निवारण करा लेना चाहिए। चेहरे व शरीर में अन्य जगह दाग व धब्बों के इलाज में भी समय नहीं गंवाना चाहिए। आग से जलने के कारण त्वचा में आई विकृति को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। शरीर के क्षत-विक्षत अंगों को बचाने में प्लास्टिक सर्जरी विभाग अहम होता है। प्लास्टिक व कास्मेटिक सर्जरी से लोग खोया हुआ आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं।

सवाल-कटे होंठ व तालू का उपचार कैसे किया जा सकता है। क्या प्लास्टिक सर्जरी आवश्यक है।

कौशल मुद्गल

जवाब-कटे फटे होंठ व तालू जन्मजात विकृति है। ऐसे बच्चों के उपचार के लिए प्लास्टिक सर्जन से परामर्श लेना चाहिए। कटे होंठ का आपरेशन जन्म के तीन माह बाद किया जाता है। इस दशा में बच्चे का वजन पांच किलोग्राम से कम नहीं होना चाहिए। कटे हुए तालू का आपरेशन जन्म के नौ माह बाद होता है।

 

सवाल-मेरा बेटा दो वर्ष का है, उसके हाथ की दो अंगुलियां जुड़ी हैं, क्या इसका उपचार संभव है।

रितेश कुमार

जवाब-आमतौर पर इस तरह की विकृति दूर करने के लिए शिशु के जन्म से नौ माह से एक वर्ष में आपरेशन किया जाता है। प्लास्टिक सर्जन एक्सरे आदि जांचों से यह पता लगाते हैं कि अंगुलियों की चमड़ी आपस में चिपकी है या फिर हड्डी तक जुड़ी हैं। आपरेशन से चिपकी हुई अंगुलियों को अलग कर दिया जाता है।

सवाल-मोटापा कम करने का तरीका बताएं। इसके लिए आपरेशन कराना नुकसानदेह तो नहीं है।

विनोद कुमार

जवाब-मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले खानपान पर नियंत्रण करना चाहिए। संतुलित खानपान के साथ नियमित व्यायाम करें। दिनचर्या बेहतर रखें। इसके बाद भी मोटापा कम न हो तो लिपोसक्शन आपरेशन कराएं। शरीर के विभिन्न हिस्सों से फैट हटाने के लिए यह आपरेशन किया जाता है। आपरेशन में ज्यादा बड़ा चीरा व टांका की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए संक्रमण का खतरा न के बराबर होता है।

सवाल-मोटापा कम करने के लिए आपरेशन के बाद कितने समय तक बिस्तर पर रहना पड़ सकता है।

दीपक दुबे

जवाब-मोटापा कम करने के लिए लिपोसक्शन आपरेशन काफी सुरक्षित प्रक्रिया है। 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। 48 घंटे के बाद लोग अपनी ड्यूटी पर पहुंच जाते हैं। अापरेशन के बाद कुछ दिनों तक वाहन चलाते समय झटकों से बचना चाहिए।

सवाल-सिर के बाल झड़ रहे हैं। क्या इन्हें झड़ने से रोका जा सकता है।

पंकज कुमार

जवाब-बालों का झड़ना बहुत आम समस्या है। काॅस्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जन से परामर्श लेकर समस्या से राहत पाई जा सकती है। पहले दवा से बालों का झड़़ना नियंत्रित किया जाता है। पीआरपी थेरेपी भी काफी कारगर है। सिर में जहां बाल जड़ से गिर चुके हैं वहां ट्रांसप्लांट फायदेमंद होता है। ट्रांसप्लांट से बाल स्थायी रहते हैं।

सवाल-मेरे पिताजी शुगर के मरीज हैं। पैर में घाव हो गया है जो ठीक नहीं हो रहा। उपचार में प्लास्टिक सर्जरी फायदेमंद है या नहीं।

मनीष पटेल

जवाब-उपचार में लापरवाही करने पर शुगर के कारण छोटा सा घाव भी बड़ा रूप से लेता है। घाव में संक्रमण तेजी से फैलता है। घाव घुला रहने पर समस्या नासूर बनने लगती है। इस दशा में प्लास्टिक सर्जरी फायदेमंद रहती है। शुगर के मरीज को घर में भी मेडिकेटेड चप्पल पहनना चाहिए। नेलकटर से ही नाखून काटना चाहिए। पैरों की अंगुलियों में गीलापन नहीं रहना चाहिए। माश्चराइजर का उपयोग करना चाहिए।

सवाल-आंखों के नीचे डार्क सर्किल हो गए हैं। कोई उपचार बताएं।

मनोज कुमार

जवाब-पर्याप्त नींद का अभाव व तनाव के कारण अक्सर आंखों के नीचे काला घेरा बन जाता है। बेहतर होगा कि आप भरपूर नींद लें, तनाव से दूर रहें, खानपान बेहतर रखें और व्यायाम करें। इसके बाद भी राहत न मिले तो चिकित्सीय परामर्श लें। दवाओं से समस्या दूर हो सकती है।

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