2000 रुपए के नोट की वापसी से तरलता व जमा पर अनुकूल प्रभाव: कांति घोष
कोलकाता: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोट को वापस लिया जाना एक गैर-घटना है, लेकिन इसका तरलता, बैंक जमा और ब्याज दरों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार डिजिटल भुगतान में, भारत मूल्य और मात्रा दोनों के संदर्भ में नए मील के पत्थर देख रहा है, जो हमारे भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती और उपभोक्ताओं के व्यापक स्तर द्वारा स्वीकृति का संकेत है। यदि हम कम से कम सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) के कुल डिजिटल भुगतान प्रतिशत को देखें, तो यह वित्त वर्ष 2016 में 668 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 767 प्रतिशत हो गया है।