Refined Oil Price: दीपावली के पहले रिफाइंड तेल के दाम बढ़ेंगे, आपकी जेब पर पड़ेगा भार
सरकार ने जनता को महंगाई से राहत देने के लिए 2023 में ड्यूटी घटा दी थी। विदेश से सस्ता तेल आयात होने लगा और देश में तेल के दाम भी घट गए। सोयाबीन तेल बीते दिनों तक 90-95 रुपये प्रति किलो बिका। इस समय 110-115 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
HIGHLIGHTS
- सरकार खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा कर सकती है।
- विदेश से तेल आयात करने पर फिलहाल 5 प्रतिशत ड्यूटी लग रही है।
- विदेशी तेल के आयात के दबाव से स्थानीय उद्योग नहीं चल पा रहे हैं।
इंदौर(Refined Oil Price)। दीपावली के पहले खाने के तेल के दाम बढ़ने के आसार हैं। खाद्य तेल की महंगाई से किसान, उद्योग और सरकार की राहत का रास्ता निकलता दिख रहा है। जल्द ही सरकार खाद्य तेल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। इस एक तीर से तीन निशाने सध जाएंगे। देश के तेल उद्योग की मांग पूरी होगी।
किसानों की उपज का दाम बढ़ जाएगा और सरकार के कंधों से समर्थन मूल्य पर खरीद का बोझ भी खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। लेकिन इस निर्णय से जनता को महंगा तेल खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। देश में अपरिष्कृत खाद्य तेल विदेश से आयात करने पर फिलहाल 5 प्रतिशत ड्यूटी लग रही है। 2023 के पहले तक आयात पर कुल शुल्क 37-38 प्रतिशत था।
20 से 30 रुपये बढ़ जाएंगे रेट
आयात ड्यूटी बढ़कर फिर से 30 प्रतिशत के स्तर पर आती है, तो खुदरा बाजार में सोयाबीन रिफाइंड के दामों में 20 से 30 रुपये तक की वृद्धि हो जाएगी। दरअसल तेल उद्योगों के प्रमुख प्रतिनिधि संगठन दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) और साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) केंद्र सरकार से मांग कर चुके हैं कि आयात ड्यूटी बढ़ाकर पुराने स्तर पर लाना चाहिए।
विदेशी तेल से नहीं चल पा रहे स्थानीय उद्योग
उद्योगों की दलील है कि सस्ते विदेशी तेल के दबाव से स्थानीय उद्योग नहीं चल पा रहे हैं। इससे किसानों का सोयाबीन भी नहीं बिक रहा। स्थानीय तेल उत्पादन बढ़ने से उद्योग भी चल सकेंगे और किसान को सही दाम भी मिलेंगे।
सोपा चेयरमैन डेविश जैन बीते दिनों दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर आयात शुल्क बढ़ाने का ज्ञापन सौंप चुके हैं। सूत्रों के अनुसार कृषि मंत्रालय ने अपनी ओर से आयात ड्यूटी बढ़ाने की सिफारिश भी कर दी है।
किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे
कितनी दर बढ़ेगी इसका इंतजार हमें भी उम्मीद है कि सरकार आयात पर ड्यूटी बढ़ाएगी। पहले 38 प्रतिशत थी वापस उसी स्तर पर पहुंचे तो बेहतर होगा। फिलहाल तो इंतजार कर रहे हैं कि कितनी ड्यूटी बढ़ती है। इसी पर बाजार और तेल उद्योगों का भविष्य निर्भर करेगा। किसानों को बेहतर दाम भी मिलेंगे। – डीएन पाठक, डायरेक्टर, दी सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया
सरकार का भी फायदा
आयात-निर्यात से जुड़े कारोबारी अरुण दोशी के अनुसार आयात ड्यूटी बढ़ने से रिफाइंड सोया तेल यदि 140 रुपये किलो तक पहुंच गया तो बाजार में सोयाबीन के दाम खुद-ब-खुद 5000 रुपये क्विंटल के पार पहुंच जाएंगे। अभी दाम 4000 से 4500 रुपये क्विंटल है। सरकार ने किसानों की मांग पर समर्थन मूल्य 4892 रुपये क्विंटल की दर से सोयाबीन खरीद की घोषणा की है।
खुले बाजार में दाम समर्थन मूल्य से ज्यादा हुए तो किसान खुद ही समर्थन मूल्य पर सरकारी बिक्री में रुचि नहीं लेंगे। ऐसे में सरकार के कंधों से खुद ही खरीद और किसानों को भुगतान का बोझ हट जाएगा। क्योंकि सोयाबीन का सरकार के लिए भी कोई उपयोग नहीं है। यह खाद्यान्न तो है नहीं जिसे सरकार पीडीएस में वितरित कर सके। आगे जाकर सरकार को भी तेल प्लांटों को ही अपना सोयाबीन बेचना पड़ेगा।