क्या अब आरबीआई को भी अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरह ब्याज दरों में करनी चाहिए कटौती?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। दुनियाभर की कई अन्य विकसित इकोनॉमी भी ब्याज दरों में कमी कर रही हैं। हालांकि अभी आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती करने जैसा कोई संकेत नहीं दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का अभी पूरा फोकस महंगाई को काबू में रखने पर है। आरबीआई की अगली MPC मीटिंग दिसंबर में होगी।
HIGHLIGHTS
- भारत में नीतिगत ब्याज दर 6.5 फीसदी पर है।
- फरवरी 2023 से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ।
- आरबीआई अभी महंगाई को साध रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के मुताबिक गुरुवार देर रात नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की। इससे पहले वाली मीटिंग में उसने ब्याज दरों को आधा फीसदी घटाया था। दुनिया की अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी ब्याज दरों में लगातार कटौती कर रही हैं।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने तीन बार दरों में कटौती की है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी दो बार दरों घटाई हैं। स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा जैसी कई अर्थव्यवस्थाओं ने ढील दी है। चीन भी लंबे समय से किसी भी तरह से ब्याज दरों में राहत दे रहा है।
अब सवाल उठता है कि भारत में ब्याज दरें कब तक कम होंगी? आरबीआई अब किस बात का इंतजार कर रहा है? साथ ही, ब्याज दरें कम करना जरूरी क्यों हो गया है। आइए इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
अब सवाल उठता है कि भारत में ब्याज दरें कब तक कम होंगी? आरबीआई अब किस बात का इंतजार कर रहा है? साथ ही, ब्याज दरें कम करना जरूरी क्यों हो गया है। आइए इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।